विजय दिवस: मुख्यमंत्री योगी ने सैनिकों को किया नमन

-भारतीय सेना के शौर्य को स्मरण करते हुए नेताओं ने दी शुभकामनाएं
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित प्रदेश के अन्य नेताओं ने ‘विजय दिवस’ पर बुधवार को भारतीय सेना के जज्बे को सलाम करते हुए उसके शौर्य को नमन किया और शहीदों के बलिदान को स्मरण किया। मुख्यमंत्री ने विजय दिवस को ‘मनुष्यता’ की विजय का प्रतीक बताया।
मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि अदम्य साहसी व अति अनुशासित भारतीय सेना के अद्भुत पराक्रम का सुफल है विजय दिवस। वर्ष 1971 के युद्ध में अपना सर्वस्व अर्पण कर मां भारती का मानवर्धन व मानवता की रक्षा करने वाले प्रत्येक वीर सैनिक को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से कोटिशः नमन। विजय दिवस ‘मनुष्यता’ की विजय का प्रतीक है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि 1971 युद्ध के नायकों की बहादुरी, वीरता और बलिदान को कोटि-कोटि नमन। मां भारती की सेवा में समर्पित देश के सैनिकों एवं समस्त देशवासियों को ‘विजय दिवस’ की हार्दिक शुभकामनाएं।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया कि 1971 के युद्ध में अपना सर्वस्व अर्पण कर मां भारती का गौरव बढ़ाने वाले भारतीय सेना के वीर सैनिकों को कोटि-कोटि नमन।  सभी देशवासियों को विजय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने ट्वीट किया कि भारतीय सेना के सामने 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को घुटने टेकने के लिए मजबूर करने वाले देश के जांबाज सैनिकों को विजय दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि आज हिन्दुस्तान के लिए गर्व का दिन है। 1971 के युद्ध में भारतीय जवानों ने पाकिस्तान के 93000 सैनिकों को आत्मसमर्पण कर घुटने टेकने पर मजबूर किया था। आप सभी को विजय दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
समाजवादी पार्टी ने अपने ट्वीट में कहा कि 1971 भारत पाकिस्तान युद्ध में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले भारत माता के वीर सपूतों को शौर्यपूर्ण नमन एवं समस्त देश एवं प्रदेशवासियों को ‘विजय दिवस’ की हार्दिक शुभकामनाएं।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने इस मौके पर कई ट्वीट किए। इनमें कहा गया कि दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ था कि एक देश ने किसी मुल्क को आजाद कराया और उसकी जमीन की तरफ देखा भी नहीं। यह सिर्फ इंदिरा जी ही कर सकती थीं। 1971 के गौरवशाली विजय के लिए हम सेना के जवानों के अदम्य साहस और इंदिरा जी के कुशल नेतृत्व को प्रणाम करते हैं। 1971 भारत-पाक युद्ध में अपना पराक्रम दिखाने वाले वीर जवानों और इंदिरा जी के अदम्य साहस से भरे नेतृत्व को सादर नमन।
किसी भी देश और उसके नेतृत्व के लिए वहां रहने वालों का अपने भीतर आत्मविश्वास सबसे जरूरी होता है। इंदिरा जी ने बांग्लादेश के लोगों में आत्मविश्वास भरा। उन्हें गौरव से जीने के लिए साहस दिया। इंदिरा जी के कुशल नेतृत्व और सेना के पराक्रम से ये संभव हो सका।
भारत के सपूतों के साहस, पराक्रम और इंदिरा जी के कुशल नेतृत्व के सामने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को 93000 सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण करना पड़ा। आज ही के दिन 1971 में यह संभव हुआ था। राष्ट्र गौरव के इस दिन के लिए इंदिरा जी को सादर नमन।

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