गुजरात ने देश के तीन-तीन प्रधानमंत्री दिए हैं, तीन-तीन गृहमंत्री दिए हैं, अंबानी-अडानी समेत अनगिनत उद्योगपति दिए हैं और भी जाने- अनजाने न जाने क्या- क्या इतना अधिक दे दिया है कि देश से संभाला नहीं जा रहा है। और तो और इस बीच भगवान विष्णु के दो-दो अवतार भी दे दिए हैं! अति हो गई है देने की! सब क्या तुम्हीं दोगे? बाकी प्रदेशों को भी तो थोड़ा अवसर दो!
हम ‘विष्णु के (तथाकथित) दसवें अवतार ‘उर्फ ‘कल्कि अवतार’ नरेन्द्र मोदी जी के ताजे से ताजे कारनामों से तो जरूरत से ज्यादा परिचित हैं मगर विष्णु के ग्यारहवें अवतार के अस्तित्व की जानकारी तक अभी मिली है। इस गति से अगर वहां अवतार प्रकट होते रहे तो कुछ महीने या कुछ साल बाद विष्णु के तेरहवें और चौदहवें अवतार भी वहीं प्रकट हो जाएंगे। योगी जी को विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत है!
भगवान विष्णु के दसवें अवतार पर तो आपके राज्य का यानी योगी जी आपका हक है, उसे छीननेवाले को आप यूं ही छोड़ दोगे? आपकी बुलडोजर इमेज कब काम आएगी? आप तो वेद- पुराणवादी हो। आप तो जानते हो कि पुराणों में लिखा है कि विष्णु के दसवें कल्कि अवतार का जन्म संभल में अभी होना है (और वहां मारकाट भी शुरू हो गई है) मगर गुजराती भाइयों ने उसे अभी से झपटकर अपने यहां प्रकटा लिया है! यह आपका अपमान है। यह आपको कमजोर सिद्ध करने का षड़यंत्र है।
आप इससे नहीं निबटे तो आपका राजनीतिक भविष्य खतरे में पड़ सकता है। प्रधानमंत्री भी मोदी जी होंगे और कल्कि अवतार भी मोदी जी होंगे तो जो कल्कि अवतार, संभल में होनेवाले हैं, वे बेचारे क्या करेंगे! हद है योगी जी, यह तो हद है! आप इतने सहनशील कब से हो गये? मोदी जी के आगे आप इतने निर्बल क्यों लगते हो? बात-बात में बुलडोजर चलवानेवाले बाबा से ऐसी उम्मीद नहीं थी। ये दसवां और ग्यारहवां कल्कि अवतार भी उत्तर प्रदेश से छीन रहे हैं और आप चुप बैठे हैं? इनका इरादा तो आपकी कुर्सी छीनने का भी था। उसे तो आपने बचा लिया मगर अब कल्कि अवतार भी तो बचा लो वरना हिंदू जनता कहेगी कि योगी अवसरवादी है, कुर्सी का भूखा है!
महाराष्ट्र के बीजेपी प्रवक्ता अवधूत वाघ पहले ही परमादरणीय को विष्णु का दसवां अवतार बता चुके हैं। हिमाचल की कंगना रनौत हमेशा हरेक से चार कदम आगे रहती हैं, उन्होंने भी मोदी जी को श्री राम का अवतार बताने के दो- तीन दिन बाद उन्हें भगवान विष्णु का अवतार घोषित करके वाघ जी के दावे पर मोहर लगा दी है! संबित पात्रा जी ने तो कंगना से भी छह कदम आगे बढ़कर कह दिया था कि भगवान जगन्नाथ भी मोदी जी का अनुसरण करते हैं। वह कुछ ज्यादा ही आगे बढ़ गए थे तो उन्हें पीछे हटना पड़ा मगर बात तो उन्होंने अपने मन की कही थी! शिवराज सिंह चौहान जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने भी मोदी जी को ईश्वर का वरदान बताया था। इस प्रकार नान बायोलॉजिकल जी ने आपके और आपके राज्य के खिलाफ किलेबंदी मजबूत कर ली है। अब संभल के कलयुगी अवतार को बचाने का दायित्व आप अकेले के कंधों पर है। उन्हें बचा लोगे तो खुद भी बच जाओगे!
विष्णु का ग्यारहवां अवतार खुद को बतानेवाला अभी गुजरात तक सीमित है, अखिल भारतीय नहीं हुआ है। इन अवतारी जी का बायोलॉजिकल नाम हरीशचंद्र एम. फेफट है। वह प्रधानमंत्री नहीं हैं, इसलिए उन्हें स्वयं यह रहस्योद्घाटन करना पड़ा। ये अवतारी जी पेशे से इंजीनियर हैं। नर्मदा घाटी निगम में थे। अचानक उन्हें भगवान विष्णु का अवतार होने का इलहाम हुआ और उन्होंने आठ महीने से आफिस जाना बंद कर दिया। उनके आफिस ने नोटिस भेजा तो अवतारी जी ने जवाब दिया कि मैं भगवान विष्णु का कल्कि अवतार हूं। मैं साधना करते हुए वैश्विक चेतना में परिवर्तन का काम कर रहा हूं। मैं यह काम आफिस में बैठकर नहीं कर सकता!
विष्णु के दसवें अवतार जी, मोदी जी से विष्णु के ग्यारहवें अवतार जी इतने अधिक रुष्ट हैं कि उन्हें विष्णु का नहीं, दुर्योधन का अवतार मानते हैं जबकि आडवाणी जी को अर्जुन का अवतार का दर्जा देते हैं !इस तरह दो विष्णुओं में विष्णु होने पर ही सहमति नहीं है। यह ‘एक है तो सेफ है’ के फार्मूले के विरुद्ध है। लगता है विष्णु के दसवें अवतार जब तक विष्णु के ग्यारहवें अवतार को सबक नहीं सिखाएंगे, तब उन्हें समझ में आएगा कि मोदी जी, दुर्योधन के नहीं, विष्णु के ही असली अवतार हैं पर योगी जी को ग्यारहवें अवतार जी से खतरा नहीं है। उनसे तो मोदी जी निबट लेंगे।
ग्यारहवें अवतार जी का दावा है कि उनकी वजह से पिछले पंद्रह सालों से देश में अच्छी बारिश हुई है मगर उनके विभाग ने उनकी ग्रेच्युटी नहीं चुकाई तो वह देश में सूखा ला देंगे। बताइए भगवान के अवतार जी को भी ग्रेच्युटी रूपी भौतिक संपदा से इतना लगाव है! नर्मदा घाटी निगम के अधिकारियों से निवेदन है कि देश के समस्त प्राणियों के हित में इन्हें कुपित न करें,जो भी इनका मसला हो, शांति से निबटा दें। कृपया बारिश के रास्ते में अवरोध न बनें!