नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में टीएमसी और भाजपा दोनों अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। अब देखना यह है कि बंगाल की जनता किस पर भरोसा जताती है? ममता बनर्जी सत्ता की हैट्रिक लगा पाती हैं या लोकसभा चुनाव 2019 की तरह भाजपा अपना दमखम दिखाएगी? बता दें कि राज्य की 294 विधानसभा सीटों पर पहले चरण की शुरुआत 27 मार्च को हुई थी, जबकि आखिरी चरण का मतदान 29 अप्रैल को हुआ। बंगाल में चुनाव नतीजों के शुरुआती रुझान सामने आ रहे हैं। अबतक 242 सीटों पर शुरुआती रुझान आ चुके हैं और टीएमसी और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर है।
Bengal Chunav: अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा, शाम तक स्थिति साफ होगी- कैलाश विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय ने चुनावी रुझानों पर बयान जारी करते हुए कहा कि अभी बहुत सारे राउंड की वोटिंग बाकी है, अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा। उन्होंने आगे कहा कि शाम तक स्थिति साफ हो सकती है। हमने सौ का आंकड़ा पार किया है और अब हम वो जादुई आंकड़ा भी पार करेंगे।
Bengal Chunav: 192 सीटों पर टीएमसी आगे
बंगाल में लगभग सभी सीटों के रुझान आ चुके हैं। रुझानों के मुताबिक, ममता बनर्जी एक बार फिर बंगाल में अपनी सरकार बनाती नजर आ रही हैं। टीएमसी 192 सीटों पर आगे चल रही है तो वहीं भाजपा 100 सीटों पर आगे चल रही है। इसके अलावा कांग्रेस पांच सीटों पर आगे चल रही है।
कोरोना के रिकॉर्ड मामलों के बीच 62 दिन चली चुनाव प्रक्रिया के बाद आखिरकार आज पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के चुनाव नतीजे आ रहे हैं। शुरुआती रुझानों में बंगाल में तृणमूल को बहुमत मिलता नजर आ रहा है। वह 178 सीटों पर आगे है। वहीं भाजपा 108 और कांग्रेस 6 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। नंदीग्राम सीट पर ममता बनर्जी भाजपा के शुभेंदु अधिकारी से 7,000 से अधिक वोटों से पीछे चल रही हैं। उधर, केरल में सत्ताधारी लेफ्ट को बहुमत मिलता दिख रहा है। वहीं, असम में भी सत्ताधारी भाजपा आगे चल रही है।
अपडेट्स…
10:00 AM- नंद्रीग्राम में ममता बनर्जी पीछे। भाजपा के शुभेंदु अधिकारी 7,200 से ज्यादा वोटों से आगे
9:50 AM- शुरुआती रुझानों में तृणमूल को बहुमत, 161 सीटों, भाजपा 115 पर आगे और कांग्रेस 6 पर आगे
9:40 AM- नंदीग्राम से भाजपा के शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी से करीब 5000 वोटों से आगे
9:30 AM- बंगाल की चुंचुड़ा सीट से भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी पीछे हो गई हैं। पहले वे आगे चल रही थीं।
9:27 AM- बंगाल के टॉलीगंज से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो पीछे हो गए हैं। पहले वे आगे चल रहे थे।
9:20 AM- पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में पहले राउंड की काउंटिंग खत्म, भाजपा के शुभेंदु अधिकारी ने 1500 वोटों की बढ़त बनाई, ममता बनर्जी पीछे
9:15 AM- पश्चिम बंगाल में तृणमूल 133 और भाजपा 109 और कांग्रेस 6 सीटों पर आगे
9:00 AM- पुडुचेरी में भाजपा+ 9 और कांग्रेस+ 5 सीटों पर आगे
8:50 AM- असम में भाजपा+ 29 और कांग्रेस+ 19 सीटों पर आगे
8:45 AM- तमिलनाडु में भाजपा+ 23 और कांग्रेस+ 31 सीटों पर आगे
8:30 AM- केरल की सभी 140 सीटों के रुझान आना शुरू। लेफ्ट 79, कांग्रेस 59 और भाजपा 2 पर आगे
8:20 AM- बंगाल की आसनसोल सीट से तृणमूल की सयानी घोष आगे, भाजपा की अग्निमित्रा पॉल पीछे
8:15 AM- बंगाल की देबरा सीट से भाजपा की भारती घोष आगे, तृणमूल के हुमायूं कबीर पीछे
8:14 AM- बंगाल की तारकेश्वर सीट से भाजपा के स्वप्न दासगुप्ता आगे
8:13 AM- बंगाल की बेहाला सीट से भाजपा की पायल सरकार आगे
8:12 AM- बंगाल की सिंगूर सीट पर भाजपा को बढ़त
8:10 AM- पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में ममता बनर्जी भाजपा के शुभेंदु अधिकारी से पीछे
8:05 AM- बंगाल की चुंचुड़ा सीट से भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी पीछे हो गई हैं।
1. बंगाल
- कुल सीटें: 294 (वोटिंग 292 सीटों पर हुई)
- बहुमत: 148 (292 सीटों के लिहाज से 147)
- पिछली बार कौन जीता: तृणमूल कांग्रेस
राज्य में 294 में से 292 सीटों पर मतदान हुआ है। भाजपा ने यहां पहली बार 291 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, जबकि एक सीट उसने सुदेश महतो की ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन पार्टी को दी। पिछली बार यहां गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने भाजपा के साथ चुनाव लड़ा था। इस बार GJM तृणमूल के साथ है। चुनाव से पहले भाजपा ने तृणमूल के कई बड़े नेताओं को तोड़ लिया था, इनमें ममता बनर्जी के करीबी शुभेंदु अधिकारी भी शामिल हैं।
29 अप्रैल को आए एग्जिट पोल्स में बंगाल को लेकर एक राय नहीं दिखी। 9 एग्जिट पोल्स में से 5 में ममता बनर्जी की तृणमूल को बहुमत हासिल होता दिख रहा है, या फिर वह बहुमत के काफी करीब है। वहीं 3 पोल्स में भाजपा आगे दिख रही है। हालांकि, सभी पोल्स में तृणमूल को सीटों का नुकसान साफ दिखाई दे रहा है और आसार हंग असेंबली के भी बन सकते हैं।
बंगाल में वोटिंग 1.5% कम हुई, यह तृणमूल के लिए चिंता की बात
जब 2019 के लोकसभा चुनाव हुए थे, तब भाजपा ने बंगाल की 128 विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल की थी, जबकि तृणमूल की बढ़त घटकर सिर्फ 158 सीटों पर रह गई थी। इस बार कम वोटिंग ने तृणमूल की चिंता बढ़ा दी। इस बार 8 चरणों में औसत 81.59% वोटिंग हुई, जबकि 2016 के विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा 83.02% था। यानी इस बार वोटिंग करीब 1.5% कम हुई है। 1.5% का फर्क काफी सीटों का अंतर पैदा कर सकता है।
क्या कांग्रेस-लेफ्ट बनेंगे किंग-मेकर?
बंगाल का पूरा चुनाव मोदी बनाम दीदी पर केंद्रित रहा है, लेकिन ग्राउंड रिपोर्ट्स और एग्जिट पोल्स यह भी इशारा कर रहे हैं कि हो सकता है कि कांटे की लड़ाई में तृणमूल और भाजपा दोनों बहुमत के आंकड़े से पीछे रह जाएं। ऐसे में बंगाल में सबसे कमजोर माना जा रहा लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन किंगमेकर की भूमिका में आ सकता है। इसमें पेंच यह है कि लेफ्ट-कांग्रेस कभी भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। वहीं, कांग्रेस एक बार तृणमूल के साथ जा सकती है, लेकिन तृणमूल और लेफ्ट एक-दूसरे से धुर विरोधी हैं।
2. असम
- कुल सीटें: 126
- बहुमत: 64
- पिछली बार कौन जीता: भाजपा+
पिछली बार असम में NDA को पहली बार सत्ता हासिल हुई थी, लेकिन 12 सीटें जीतकर भाजपा को सत्ता दिलाने में मदद करने वाले बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट ने इस बार कांग्रेस और लेफ्ट से हाथ मिलाया। भाजपा के साथ असम गण परिषद बना हुआ है। भाजपा ने UPLL के साथ भी गठबंधन किया। यहां NRC यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स का मुद्दा हावी रहा है। भाजपा जीती तो सीएम सर्बानंद सोनोवाल दोबारा सीएम बनेंगे। अगर भाजपा को हार मिली तो इसे NRC इफेक्ट माना जाएगा। असम में सभी 6 एग्जिट पोल्स में भाजपा गठबंधन को बहुमत मिलता दिखा।
3. तमिलनाडु
- कुल सीटें: 234
- बहुमत: 118
- पिछली बार कौन जीता: अन्नाद्रमुक
यहां पहली बार जयललिता और करुणानिधि के बगैर विधानसभा चुनाव हुए। जयललिता की गैरमौजूदगी में अन्नाद्रमुक के पास सिर्फ सीएम पलानीस्वामी के तौर पर एक चेहरा था। वहीं, द्रमुक का चेहरा करुणानिधि के बेटे स्टालिन हैं। इसी वजह से सभी एग्जिट पोल्स में इस बार द्रमुक की जीत का अनुमान जताया गया था। अन्नाद्रमुक ने इस बार भाजपा के साथ चुनाव लड़ा, जबकि द्रमुक ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया।
4. केरल
- कुल सीटें: 140
- बहुमत: 71
- पिछली बार कौन जीता: LDF
दिलचस्प यह है कि बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट मिलकर चुनाव लड़ते हैं, जबकि केरल में वे एक-दूसरे के विरोध में रहते हैं। पिछली बार यहां लेफ्ट की अगुआई वाला LDF जीता था। कांग्रेस इसका हिस्सा नहीं है। कांग्रेस की अगुआई वाला UDF यहां विपक्षी गठबंधन है। भाजपा ने इस बार 140 में से 113 सीटों पर उम्मीदवार उतारे। उधर, भाजपा ने पिछली बार केरल में 1 सीट जीती थी।
5. पुडुचेरी
- कुल सीटें: 30
- बहुमत: 16
- पिछली बार कौन जीता: कांग्रेस+द्रमुक
पुडुचेरी विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश है। यहां बीते फरवरी में कांग्रेस की अगुआई वाली सरकार गिर गई थी। वी. नारायणसामी बहुमत साबित नहीं कर सके थे। दो मंत्रियों के भाजपा में शामिल होने और कुछ विधायकों के इस्तीफे के बाद सत्ता उनके हाथ से फिसल गई थी। इस बार 3 एग्जिट पोल्स में भाजपा और AINRC और बाकी 3 पोल्स में कांग्रेस+द्रमुक को बहुमत मिलने के आसार बताए गए।