लखनऊ. कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड के छठे फरार आरोपित दरोगा विजय यादव की भी गिरफ्तारी हो गई है. विजय यादव की गिरफ्तारी के साथ ही हत्याकांड में नामज़द सभी अभियुक्त रामगढ़ ताल थाने के पूर्व प्रभारी जे.एन.सिंह, दरोगा अक्षय मिश्र, दरोगा राहुल दुबे, सिपाही कमलेश यादव और प्रशांत की गिरफ्तारी हो गई है. दरोगा विजय यादव के अलावा सभी अभियुक्त जेल में हैं. दरोगा विजय यादव को एसआईटी कानपुर के सिपुर्द कर दिया गया है.
परिवार के साथ गोरखपुर घूमने गए कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की 27 सितम्बर को होटल कृष्णा पैलेस में पुलिस की पिटाई के बाद संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. युवा व्यापारी की हत्या के बाद पूरे उत्तर प्रदेश के व्यापारियों में आक्रोश फैल गया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में हुई इस घटना को सरकार ने गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई शुरू की. इस घटना में शामिल सभी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया गया. एक-एक कर सभी पुलिसकर्मी पकड़े गए.
दरोगा विजय यादव गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट की शरण में गया और पुलिस की एफआईआर को चुनौती दी लेकिन हाईकोर्ट में सुनवाई हो पाती इससे पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. विजय यादव पर पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.
गिरफ्तार दरोगा विजय यादव से एसआईटी रामगढ़ताल थाने पर पूछताछ कर रही है. एसआईटी दरोगा विजय यादव से यह पता करने की कोशिश कर रही है कि कृष्णा पैलेस होटल में उस दिन हुआ क्या था. पूछताछ के बाद उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जायेगा.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मारपीट से मौत का खुलासा हो चुका है. एसआईटी पूछताछ में जुटाए गए तथ्यों को सीबीआई को सौंप सकती है. मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति कर दी है. सीबीआई के चार्ज लेने तक मामले की जाँच और कार्रवाई एसआईटी कर रही है.