शराब बिक्री पर रोक नहीं लगाएगा SC, दिया ऑनलाइन बिक्री से होम डिलिवरी का सुझाव

नई दिल्ली। सरकार ने राज्य सरकारों को चार मई से लागू हुए लॉकडाउन के तीसरे चरण में शराब की बिक्री की अनुमति दे दी थी। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट कहा था कि शराब की दुकानों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर किया जाए। इसके बाद कई जगह लंबी-लंबी कतारें देखी गई थीं।

दिल्ली में पहले ही दिन लंबी कतारें और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ने की वजह से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शराब पर ‘स्पेशल कोरोना फीस’ लगाने का ऐलान किया था, जिससे शराब की कीमत 70 फीसदी बढ़ गई। वहीं, कई और राज्यों ने भी शराब की बिक्री पर सेस लगाने का फैसला लिया है।

शराब की दुकानों को बंद कराने को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुझाव दिया कि राज्यों को कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के बीच शराब की दुकानों पर भीड़ से बचने के लिए शराब की अप्रत्यक्ष बिक्री और होम डिलीवरी पर विचार करना चाहिए। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर किसी भी आदेश को पारित करने से इन्कार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने शराब की दुकानों पर सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के बाद कहा कि विभिन्न राज्यों को कोई आदेश पारित नहीं किया जा सकता है, लेकिन उन्हें शराब की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलीवरी पर विचार करना चाहिए।

याचिका में शराब की बिक्री पर स्पष्टता की मांग की गई थी और लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानों पर शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए निर्देश देने को कहा गया था। याचिकाकर्ता ने शारीरिक दूरी के उल्लंघन होने की वजह से शराब की दुकानें बंद करने की मांग की थी, जो कोरोना के फैलने से रोकने के लिए काफी जरूरी है।

शराब की दुकानों पर बढ़ती भीड़ की वजह से पंजाब, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य शराब की होम डिलीवरी करा रहे हैं। पंजाब में सात अप्रैल से शराब की होम डिलीवरी शुरू हो गई। वहीं, दुकानों को सिर्फ सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक खोलने का आदेश है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में ग्रीन और ऑरेंज जोन में रहने वाले लोग तकरीबन 120 रुपए अधिक देकर शराब की होम डिलीवरी का फायदा उठा सकते हैं।

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