शिवराज मध्य प्रदेश की पहली पसंद, कांग्रेस को भी बढ़तः सर्वे

नयी दिल्ली। देश भर में बढ़ती महंगाई, एससी एसटी एक्ट से स्वर्णों की नाराजगी केन्द्र सरकार के साथ राज्य सरकारों पर भी भारी पड़ती दिखाई दे रही है। उल्लेखनीय है कि एससी/एसटी एक्ट में संशोधन के बाद चौतरफा घिरी हुई मोदी सरकार का सबसे ज्यादा विरोध मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार में देखने को मिल रहा है। जिनमें से मध्य प्रदेश और राजस्थान में नवंबर के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में इन राज्यों की जनता के मन में आखिर क्या है इस पर इंडिया टुडे ग्रुप के एक्सिस का सर्वे सामने आया है। विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद ही 2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं और ऐसा माना जा रहा है कि इस बार का लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी होने वाला है। लेकिन, अभी चर्चा सिर्फ विधानसभा चुनाव की।

मुख्यमंत्री के तौर पर मध्य प्रदेश की जनता की आखिर पसंद कौन? इस सवाल को लेकर कई सारे सर्वे सामने आए हैं। लेकिन, अगर हम एक्सिस सर्वे की बात करें तो मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान को टक्कर देने वाला अभी कोई नेता है ही नहीं। इस सर्वे को टेलीफोन के जरिए पूरा किया गया है, जिसमें 12,035 लोगों को शामिल किया गया था। इन लोगों से जब मुख्यमंत्री के लोकप्रिय चेहरे की बात की गई तो पहले पायदान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे, जिन्हें 46 फीसदी लोगों ने पसंद किया। वहीं, दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के कैंपेन कमिटी के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया रहे, जो 32 प्रतिशत लोगों की पहली पसंद थे। जबकि, मध्य प्रदेश की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ को महज 8 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी पसंद बताया।

 

 

मध्य प्रदेश में जनता कांग्रेस को लेकर परेशान नजर आ रही है क्योंकि वह तय ही नहीं कर पा रही है कि किस चेहरे के आधार पर वह मतदान करें। शायद, यही वजह है कि जनता ने कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों को मैदान पर उतारा है। सबसे चौंका देने वाली बात तो यह रही कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह जिन्होंने साफ तौर पर यह ऐलान कर दिया है कि वह अब राज्य में नहीं बल्कि केंद्र की राजनीति में अपनी भागीदारी निभाएंगे, उन्हें 2 फीसदी लोग मुख्यमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं। इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश की सत्ता में काबिज पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती को भी 1 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया।

इसके अतिरिक्त जब सवाल राज्य सरकार के कामकाज पर पूछा गया तो 47 फीसदी लोगों का मानना था कि शिवराज सिंह चौहान ने अच्छा काम किया, वहीं, 13 प्रतिशत लोगों ने कहा कामकाज ठीक-ठाक रहा। जबकि, 34 फीसदी लोगों के हिसाब से कामकाज काफी बदत्तर था और उनका मानना था कि सरकार अब बदलनी चाहिए। तो यह था मध्य प्रदेश की जनता का मन जो साफ तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ही देखना चाहती है। लेकिन, इसका एक बड़ा तबका विरोध भी कर रहा है जो इस सरकार को बदलने में लगा हुआ है। हालांकि, यह सर्वे कितना सटीक है इसका पता तो चुनाव परिणाम के आने के बाद ही पता चलेगा।

उल्लेखनीय है कि केन्द्र की मोदी सरकार कई मोर्चों पर असफल होती दिख रही है। 2014 में हुए चुनावों में किए गये वादों को पूरा कर पाने में वह नाकाम हो रही है। वहीं माब लिंचिंग, महंगाई और कई कारणों से भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को भी इस सत्ता विरोधी लहर में डूबने का खतरा मंडरा रहा है। राजनीतिक एक्सपर्टस की मानें तो इन राज्यों में हार से पीएम मोदी के मिशन 2019 को करारा झटका मिल सकता है।

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