सचिन पायलट का कांग्रेस से बाहर होना तय, हटाए गये पोस्टर

जयपुर। सचिन पायलट का कांग्रेस से बाहर होना लगभग तय है। कांग्रेस के महासचिव पीएल पुनिया ने दिल्ली में कहा, ‘‘सचिन अब भाजपा के हो गए हैं। हर कोई जानता है कि कांग्रेस की चुनी हुई सरकारों के प्रति भाजपा का रवैया क्या है। हमें भाजपा से किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। कांग्रेस में सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं का सम्मान होता है।’’ इस बीच जयपुर में कांग्रेस मुख्यालय में पायलट के पोस्टर हटा दिए गए हैं।

उधर, राजस्थान में सियासी घमासान के बीच अगर पायलट कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होते हैं तो उन्हें पार्टी से निकालने का ऐलान भी किया जा सकता है। क्योंकि विधायक दल की मीटिंग के लिए व्हिप पहले ही जारी कर दिया गया है। इस बीच, खबरें सामने आई हैं कि रघुवीर मीणा और महेश जोशी को अगला प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इनमें से कुछ नाम आलाकमान को प्रस्तावित भी किए गए हैं।

वहीं, अभी 109 विधायक गहलोत के समर्थन में बताए जा रहे हैं। जो मुख्यमंत्री को समर्थन पत्र सौंप चुके हैं। यह जानकारी खुद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। पायलट प्रदेश में तीसरा मोर्चा भी खड़ा कर सकता है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के एक तिहाई विधायक सचिन के साथ नई पार्टी बना सकते हैं। पायलट आज नई पार्टी की घोषणा भी कर सकते हैं। जिसका नाम ‘प्रगतिशील कांग्रेस’ होने की चर्चा तेज है।

कांग्रेस विधायक होटल या रिजॉर्ट में ले जाया जा सकता है
विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस विधायकों को किसी होटल या रिजॉर्ट में एकसाथ ठहराया जा सकता है। सभी को दिल्ली रोड स्थित होटल में ले जाए जाने की चर्चा है। यहां निर्दलीय और समर्थक दलों के विधायकों को ले जाया जाएगा।

सतीश पूनिया ने कहा- भाजपा में पायलट का स्वागत
पायलट के भाजपा में आने की संभावनाओं पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट का भाजपा में स्वागत है। इस सारी लड़ाई की जड़ कांग्रेस की आपसी कलह है। हालांकि, कुछ देर बाद ही वे इस बयान से पलट गए और ट्वीट किया कि उन्होंने सिंधिया का नाम लिया था पायलट का नहीं।

एसओजी के नोटिस के बाद से नाराज चल रहे पायलट
दरअसल, पायलट विधायकों की खरीद-फरोख्त की जांच कर रही एसओजी के नोटिस के बाद से ही नाराज हैं। उन्हें कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों का समर्थन है। हालांकि नोटिस सचिन पायलट के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कई विधायकों को भी जारी किए गए थे।

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