लखनऊ। अखिलेश यादव ने प्रदेश के 12 लाख कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने का ऐलान किया है। लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए अखिलेश ने कहा कि सरकार बनने पर कर्मचारियों के लिए 2005 से पहले वाली पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करेंगे। इसके लिए कॉर्पस फंड बनाएंगे। कर्मचारियों के लिए कैशलेस इलाज की व्यवस्था भी शुरू करेंगे। तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को उनके गृह जनपदों में पदस्थ किया जाएगा।
अपर्णा यादव के बीजेपी जॉइन करने पर अखिलेश ने कहा, ‘हम किसी के घर में लड़ाई नहीं कराते। बीजेपी हमारे परिवार में लड़ाई कराती है। सपा में अपराधियों के सवाल पर अखिलेश ने ये भी कहा कि डिप्टी सीएम और सीएम पर जितने मुकदमे दर्ज हैं, उतने तो आईपीसी में सेक्शन नहीं हैं। वो क्या हमसे दौड़ में जीतेंगे?’
अखिलेश ने कहा कि 2005 से पहले की पेंशन व्यवस्था को लागू करने के लिए वित्त विभाग के जानकारों से बातचीत हो गई है। उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय में करीब 12 लाख कर्मचारियों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
आउटसोर्सिंग को खत्म करेंगे
अखिलेश ने कहा कि वह आउटसोर्स व्यवस्था को खत्म करेंगे। ये कोई अच्छी व्यवस्था नहीं है। जो शोषितों को उनके अधिकार नहीं देना चाहते, वे ऐसी व्यवस्था बनाते हैं। वह जल्दी ही मैनिफेस्टो में भी इसका ऐलान करेंगे। पहले बीजेपी अपना घोषणा पत्र जारी कर दे, इसके बाद वह भी जल्द ही मैनिफेस्टो जारी कर देंगे।
अखिलेश ने कहा कि समाजवादी लोग निजीकरण के खिलाफ हैं। अखिलेश ने कहा कि हमारी कथनी और करनी में अंतर नहीं होगा। हम कर्मचारियों से किए गए वादे पूरे करेंगे।
भाजपा वालों को खुशी से नफरत है
अखिलेश ने कहा, ‘हमने लखनऊ मेट्रो का जिक्र नहीं किया था मैनिफेस्टो में, लेकिन वो भी हमने किया। ये सरकार विकास विरोधी है। बनारस में वरुणा नदी पर रिवर फ्रंट बनना था। कोशिश थी कि शहर के अंदर वरुणा साफ रहे। ऐसे ही गोमती के लिए हमने रिवर फ्रंट बनाया। हमारे बाबा को इससे भी नफरत है कि कोई आइसक्रीम क्यों खा रहा है? भाजपा वालों को खुशी से नफरत है’।
एक दिन पहले अखिलेश ने जरूरतमंद परिवारों के लिए 18 हजार रुपए सालाना की समाजवादी पेंशन देने की घोषणा की थी। उससे पहले 300 युनिट मुफ्त बिजली देने की भी घोषणा कर चुके हैं।
तीसरे चरण के 9 उम्मीदवारों का ऐलान
अखिलेश यादव ने तीसरे चरण के उम्मीदवारों में नौ नामों का ऐलान किया है। शाहजहांपुर की तिलहर विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के करीबी रोशन लाल वर्मा को दिया है। रोशन लाल वर्मा भाजपा से मौजूदा विधायक रहे है। स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ वह भी भाजपा छोड़कर आए हैं।