सरकारी एक्शन के बाद एंबुलेंस कर्मचारी संघ का दिखा आक्रोश, जानिए क्या है मामला

लखनऊ। यूपी में एंबुलेंस कर्मचारी संघ द्वारा जारी हड़ताल पर अब नया आक्रोश देखने को मिल रहा है। सरकार द्वारा लिए जा रहे एक्शन पर अब कर्मचारियों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है। कर्मचारियों की हड़ताल के बाद यूपी सरकार ने एक्शन लिया और 570 एंबुलेंस कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया। इसी के बाद अब विरोध जताने के लिए सभी कर्मचारी लखनऊ पहुंचे, जिन्हें इको गार्डन भेज दिया गया।

यूपी के अलग-अलग हिस्से में एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्राइवेट ठेका सिस्टम बंद कर देना चाहिए। इससे कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा बना रहता है। इसके अलावा अन्य कई मांगों पर सभी हड़ताल कर रहे थे

दरअसल सरकार की तरफ से नई कंपनी को काम सौंपा जा रहा है। ऐसे में पुराने कर्मचारी अपनी नौकरी भी हो सकते हैं। इसी डर के बीच कर्मचारी संघ की तरफ से हड़ताल करने का ऐलान किया गया। सभी एंबुलेंस चालक आज प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में अपना विरोध जता रहे हैं। उनका कहना है कि ठेका प्रथा को समाप्त कर देना चाहिए। हजारों कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी नौकरी पर तलवार लटक रही है। नई कंपनी जैसे ही काम संभालेगी तुरंत कर्मचारियों की नौकरी खतरे में आ जाएगी

इस हड़ताल का परिणाम यह रहा कि बुधवार को 570 कर्मचारियों को सेवा प्रदाता कंपनी जीवीके ने नौकरी से हटा दिया। कंपनी ने एंबुलेंस से संघ के पदाधिकारियों पर प्रहार किया अलग-अलग जिले के संघ से जुड़े अधिकारियों को नौकरी से हटा दिया गया। इसके पहले हड़ताल होने के कारण कई जगहों पर स्वास्थ्य सुविधाओं की तलाश में जा रहे लोगों को समय पर इलाज नहीं मिल सका।

वाराणसी समेत पूर्वांचल के चार अन्य जिलों में 970 एंबुलेंस कर्मचारियों पर पुलिस के द्वारा एस्मा एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इस पूरे मामले में अभी अधिकारियों का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में स्थिति सामान्य हो सकती है।

यूपी में सरकारी एम्बुलेंस का संचालन जीवीकेईएमआरआई कर रही है। 108 व 102 नम्बर पर फोन करने वाले जरूरतमंदों को मुफ्त एम्बुलेंस मुहैया कराई जाती है। प्रदेश में 102 सेवा की 2270 एम्बुलेंस हैं। 108 सेवा की 2200 एम्बुलेंस हैं। एडवांस लाइफ सपोर्ट की 250 एम्बुलेंस हैं। रोजाना 35 से 40 हजार जरूरतमंदों को एम्बुलेंस मुहैया कराई जाती है। लखनऊ में 108 की 44 एम्बुलेंस हैं।

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