नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि केंद्र सरकार 10 हजार एफपीओ बनाने की योजना पर अभियान के रूप में कार्य कर रही है। इस पर 6,850 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ये एफपीओ बनने से देश के छोटे व मझोले किसानों को बहुत सुविधाएं मिलेगी और उनका जीवन स्तर ऊंचा उठेगा। उन्होंने कहा कि एफपीओ की मदद से किसानों को अपनी कृषि उपज का वाजिब मूल्य मिलेगा। वे महंगी फसलों की ओर आकर्षित होंगे। नई तकनीक से जुड़ेंगे और फूड प्रोसेसिंग की ओर बढ़ सकेंगे।
केंद्रीय मंत्री तोमर की अध्यक्षता में बुधवार को लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) की 25वीं प्रबंधन बोर्ड (बीओएम) एवं 20वीं वार्षिक साधारण सभा (एजीएम) की बैठक हुई। इस बैठक को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा कि एसएफएसी बधाई के साथ प्रशंसा का भी पात्र है, क्योंकि उसने कोरोना संकट के दौरान लागू लॉकडाउन में भी बेहतर भूमिका का निर्वहन किया।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री पद का काम संभालने के बाद सुशासन पर ज्यादा जोर दिया गया है। इस दिशा में सभी मंत्रालयों ने कदम आगे बढ़ाए हैं। इसी क्रम में कृषि मंत्रालय ने भी कार्य किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक हजार मंडियां राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (ई-नाम) से जुड़ चुकी हैं और 4 करोड़ मीट्रिक टन से अधिक के जिंसों का व्यापार किया जा चुका है।
इसका मूल्य 1.20 लाख करोड़ रु. है। सरकार का उद्देश्य आम किसानों व व्यापारियों को पारदर्शिता के साथ सुविधाएं देना है। उम्मीद है कि इस काम को और बेहतर बनाने की दिशा में एसएफएसी काम करेगा।
तोमर ने कहा कि 10 हजार एफपीओ के गठन के लिए अनेक संगठन काम कर रहे हैं। इस पूरी परियोजना को संचालित करने व असरकारक बनाने में एसएफएसी की मुख्य भूमिका है। अच्छे भविष्य को हम कैसे गढ़ सकें, इस दिशा में विचार होना चाहिए। देश में एफपीओ का पूरा संसार बनने वाला है। किसानों के व्यापक हित में सरकार की जो मंशा है, वह कृषि क्षेत्र को उन्नत बनाना है। इसके लिए मंथन करके तेजी से काम किया जाना चाहिए।