वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को NASA के एक कार्यक्रम में भारतीयों की खुलकर तारीफ की। उन्होंने मंगल ग्रह पर पर्सीवरेंस रोवर की ऐतिहासिक और सफलतापूर्वक लैंडिंग में शामिल रहे नासा के वैज्ञानिकों से वर्चुअल बातचीत की। इस दौरान उन्होंने लैंडिंग में अहम भूमिका निभाने वाली स्वाति मोहन से कहा- आप भारतीय अद्भुत हैं। आपने US का आत्मविश्वास बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय-अमेरिकी देश का भार उठा रहे हैं। आप (स्वाति मोहन), मेरी उपराष्ट्रपति (कमला हैरिस), मेरे स्पीच राइटर (विनय रेड्डी) सभी भारतीय मूल के हैं।
बाइडेन ने स्वाति मोहन को बताया ड्रीम क्रिएटर
बातचीत के दौरान स्वाति मोहन ने अमेरिकी राष्ट्रपति से अपने बचपन का सपना शेयर किया। उन्होंने बताया कि 9 साल की उम्र में मैंने पहली स्टार ट्रैक सीरीज देखी और तब से मेरा सपना दूसरे ग्रहों तक जाने का था। आज मैं उसे जी रही हूं।
इस पर बाइडेन ने कहा कि आप लाखों अमेरिकी बच्चों और युवाओं की ड्रीम क्रिएटर हैं। आप लोगों ने अमेरिका का सर ऊंचा किया है। इससे पहले जब डॉ. स्वाति ने राष्ट्रपति को NASA की टीम से बातचीत करने के लिए धन्यवाद दिया तो उन्होंने बड़ी सहजता से कहा, ‘क्या आप मुझसे मजाक कर रही हैं? मेरे लिए यह एक अविश्वसनीय सम्मान है और यह वाकई अद्भुत है।’
कौन हैं डॉक्टर स्वाति मोहन
स्वाति जब सिर्फ एक साल की थीं तब पेरेंट्स के साथ अमेरिका शिफ्ट हो गईं। उनके जीवन का ज्यादातर हिस्सा नॉदर्न वर्जीनिया में बीता है। 6 साल की उम्र तक उनका एक और ख्वाब बच्चों के डॉक्टर बनने का था, फिर उन्होंने तय कर लिया कि इंजीनियरिंग और स्पेस एक्सप्लोरेशन में ही कॅरियर बनाना है। स्वाति ने फिर कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल और एयरोस्पेस में इंजीनियरिंग की और फिर PhD भी पूरी की।
नासा में लंबे वक्त से काम कर रही हैं
मिशन मार्स और खास तौर पर पर्सीवरेंस रोवर से स्वाति शुरू से ही जुड़ी रहीं। पासाडेना में नासा की जेट प्रॉपल्शन यूनिट में उन्होंने काफी वक्त बिताया। इस दौरान कई स्पेस मिशन और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी पर रिसर्च किया। शनि यानी सैटर्न से जुड़े मिशन में भी उन्हें अहम जिम्मेदारी दी गई है।
बाइडेन प्रशासन में सबसे ज्यादा भारतवंशी
बाइडेन ने 20 जनवरी को अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। उन्होंने अपने प्रशासन में भारतीय मूल के कम से कम 55 लोगों की नियुक्ति की है। इनमें से आधी संख्या महिलाओं की है और वे व्हाइट हाउस में काम कर रही हैं। इससे पहले बराक ओबामा के कार्यकाल में सबसे ज्यादा भारतीय मूल के लोगों की नियुक्ति की गई थी।
भारतवंशी समाजसेवी और इंडियास्पोरा के संस्थापक एम रंगास्वामी ने बताया कि यह देखना अत्यंत सुखद है कि भारतीय मूल के कई लोग अमेरिका में बेहतर काम कर रहे हैं। नई सरकार के बाद और कई लोग जुड़े हैं। भारतीय समुदाय का दबदबा बढ़ते देखकर गर्व का अहसास हो रहा है।