नई दिल्ली। साइकिल फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीएफआई) ने एक 15 वर्षीय लड़की ज्योति कुमारी को परीक्षण के लिए बुलाया है, जिसने सात दिनों की अवधि में 1200 किमी तक साइकिल चलाई है। कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान ज्योति ने अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठा कर गुरुग्राम से बिहार तक की यात्रा की। सीएफआई के अध्यक्ष ओंकार सिंह ने कहा कि वे ज्योति के लिए परीक्षा आयोजित करेंगे।
सिंह ने कहा, “हम उस लड़की को परीक्षण के लिए बुला रहे हैं। हम उसे दिल्ली बुलाएंगे। हमारे पास हमारे पैरामीटर हैं। हम यह जांचने के लिए परीक्षण करेंगे कि वह साइकिल चलाने के लिए फिट है या नहीं। उन्होंने कहा, “उनके पास धीरज है क्योंकि उसने सात दिनों तक 1200 किमी की दूरी तय की है। हमारे पास उस लड़की के साथ कल तक संवेदना थी, लेकिन उसके हौसले को देखते हुए हमने उसे परीक्षण के लिए बुलाया है।”
बता दें कि दरभंगा जिला के सिंहवाड़ा प्रखण्ड के सिरहुल्ली गांव निवासी, मोहन पासवान गुरुग्राम में रहकर टेम्पो चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण किया करते थे, पर इसी बीच वे दुर्घटना के शिकार हो गए। दुर्घटना के बाद अपने पिता की देखभाल के लिए 15 वर्षीय ज्योति कुमारी वहां चली गई थी पर, इसी बीच कोरोना वायरस की वजह से देशव्यापी बंदी हो गई। आर्थिक तंगी के मद्देनजर ज्योति ने साइकिल से अपने पिता को सुरक्षित घर तक पहुंचाने की ठानी।
बेटी की जिद पर उसके पिता ने कुछ रुपए कर्ज लेकर एक पुरानी साइकिल खरीदी। ज्योति अपने पिता को उक्त साइकिल के कैरियर पर एक बैग लिए बिठाया और आठ दिनों की लंबी और कष्टदाई यात्रा के बाद अपने गांव सिरहुल्ली पहुंची।