साहित्य जगत का एक अध्याय खत्म: साहित्यकार जगदीश पीयूष ने ली अंतिम सांस

अमेठी। कांग्रेस नेता व साहित्यकार जगदीश पीयूष का शुक्रवार की रात निधन हो गया। वे 71 साल के थे। बीते दो हफ्ते से जगदीश बीमार चल रहे थे। उन्हें मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। जगदीश पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के मीडिया प्रभारी रहे थे।

उनके निधन पर मशहूर गीतकार मनोज मुंतशिर ने शोक जताया है। कहा, ‘मेरे बचपन के कई पन्ने एक साथ मिट गए। वो मार्गदर्शक चला गया जिसने पहली बार कवि सम्मेलन में मुझे 300 रुपए की फीस दिलवाई थी।

साहित्यकार जगदीश पीयूष के पुत्र अनूप ने बताया कि उनके पिता लगभग 12-13 दिन तक लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती रहे। वहां के डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें 4 फरवरी को मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनकी स्थिति लगभग स्थिर बनी रही। लेकिन शुक्रवार की रात उन्होंने आखरी सांस ली।

साल 1950 में किसान परिवार में हुआ था जन्म

जगदीश पीयूष (71) गांधी परिवार के अत्यंत करीबी नेताओं में से एक थे। जगदीश पीयूष का जन्म अमेठी जिले के संग्रामपुर ब्लाक के कसारा गांव मे 27 जुलाई 1950 को किसान परिवार में हुआ था। जगदीश पीयूष पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के मीडिया प्रभारी भी रहे और 1984 में “अमेठी का डंका बिटिया प्रियंका” का नारा भी उन्होंने दिया था। कांग्रेस में उन्होंने संजय गांधी के साथ राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। उनकी सभी राजनैतिक गतिविधियों में सम्मिलित रहे। उन्होंने पत्रकारिता भी की थी।

मशहूर गीतकार मनोज मुंतशिर ने जताई संवेदना

मनोज मुंतशिर ने सोशल मीडिया पर साहित्यकार जगदीश पीयूष के निधन पर शोक जाहिर किया है। उन्होंने लिखा- मेरे पिता तुल्य, अवधी के वरद-पुत्र और अमेठी के पहले celebrity, जगदीश पीयूष नहीं रहे। मेरे बचपन के कई पन्ने एक साथ मिट गए। वो मार्गदर्शक चला गया जिसने पहली बार कवि सम्मेलन में मुझे 300 रूपए की फीस दिलवायी थी। वो साथी चला गया जो पिछले 30 सालों में मेरी हर छोटी-बड़ी कामयाबी पर निहाल होता रहा। मैंने क्या खो दिया, ये सिर्फ मेरा दिल जानता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here