पटना। बिहार में नई सरकार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी होने से राजनीति गर्मा गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। बता दें कि एक दिन पहले ही कार्तिकेय सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली, उस दिन उन्हें किडनैपिंग के एक मामले में कोर्ट में पेश होना था मगर वो नहीं हुए।
कानून मंत्री के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने से नीतीश सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। पटना में बुधवार दोपहर एक कार्यक्रम से निकलने बाद जब वे मीडिया से मुखातिब हुए तो उन्हें कार्तिकेय सिंह को लेकर सवाल पूछा गया। हालांकि उन्होंने यह कहकर बात टाल दी कि उन्हें इस केस की कोई जानकारी नहीं है।
बीजेपी का नीतीश सरकार पर हमला
बीजेपी नेता सुशील मोदी ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि कार्तिकेय सिंह को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। मुख्यमंत्री को मीडिया के सामने आकर स्पष्ट करना चाहिए। कार्तिकेय सिंह को कोर्ट में सरेंडर करना था लेकिन वे मंत्री पद की शपथ ले रहे थे।
आरोप है कि 2014 में बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह (Ex MLA Anant Singh) के साथ कार्तिकेय व अन्य बिहटा में राजू सिंह का अपहरण करने गए थे। उसी मामले में बिहटा थाने में एफआइआर की गई थी। उसमें कार्तिकेय भी आरोपित बनाए गए। घटना के दौरान अनंत सिंह के काफिले की एक गाड़ी गुस्साए लोगों ने फूंक दी थी। कार्तिकेय को 16 अगस्त को दानापुर कोर्ट में हाजिर होना था, लेकिन उस दिन वे मंत्री पद की शपथ ले रहे थे। इसके बाद कोर्ट से वारंट जारी किया गया। इस मामले में कार्तिकेय सिंह ने खुद को बेकसूर बताया है।
मामला सामने आने के बाद विपक्ष ने इसे मुद्दा बना लिया है। भाजपा ने कहा है कि नई सरकार में जंगलराज की वापसी हो रही है। सुशील मोदी के अनुसार महागठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल में बाहुबलियों की भरमार कर नीतीश कुमार ने बिहार में डरावने दिनों की वापसी सुनिश्चित कर दी है। सुरेन्द्र यादव, ललित यादव, रमाकांत यादव और कार्तिकेय जैसे विधायक मंत्री बनाये गए, जिनके नाम से इलाके में लोग कांपते हैं। इनपर आर्म्स ऐक्ट, यौन शोषण, हत्या के प्रयास और अपहरण जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं।
बता दें कि कार्तिकेय सिंह उर्फ मास्टर कार्तिक स्थानीय प्राधिकार से विधान परिषद सदस्य चुने गए थे। बाहुबली अनंत सिंह के काफी करीबी माने जाने वाले मास्टर कार्तिक ने स्नातक तक की शिक्षा ग्रहण की है। रुद्रावती हाईस्कूल मोकामा से 1980 में मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने इंटर किया और 1985 में आरआरएस कालेज मोकामा से कला विषय में स्नातक किया।
सिवनार गांव के रहने वाले मास्टर कार्तिक खेती, व्यवसाय के साथ ही समाज सेवा से जुड़े हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान राजद में आए। 2022 में विधान परिषद चुने गए और नीतीश कैबिनेट में मंत्री भी बन गए। मास्टर कार्तिक के खिलाफ पटना के कोतवाली समेत मोकामा और बिहटा में आपराधिक मामले दर्ज हैं।