लखनऊ। उत्तर प्रदेश कानपुर के संजीत यादव की अपहरण के बाद हत्या के मामले की जांच अब योगी सरकार ने सीबीआई से कराने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संजीत यादव के परिजनों के अनुरोध पर सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है।
कानपुर के बर्रा से लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण व हत्या मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई करते हुए तत्कालीन एएसपी अपर्णा गुप्ता तथा सीओ बर्रा मनोज गुप्ता समेत कई पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था।
संजीत यादव के अपहणकतार्ओं ने 26 जून को उसकी हत्या कर लाश पांडु नदी में फेंक दी थी। इसके बाद पुलिस को चकमा देकर 13 जुलाई को 30 लाख की फिरौती भी वसूल ली थी। पुलिस मुख्यालय के एडीजी बीपी जोगदंड को मामले की जांच सौंपी थी।
कानपुर के बर्रा इलाके में रहने वाले लैब टेक्नीशियन संजीत का 22 जून को अपहरण किया गया था। 26 जून को उसकी हत्या कर दी थी। 29 जून को उसके परिवार वालों के पास फिरौती के लिए फोन आया। 30 लाख रुपए फिरौती मांगी गई की थी। परिवार का आरोप है कि उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में 30 लाख की फिरौती दी, इसके बाद भी उनका बेटा नहीं मिला। पुलिस ने संजीत के दो दोस्तों को गिरफ्तार कर इस प्रकरण का खुलासा किया था।
अपहरणकर्ताओं ने बताया था कि संजीत का शव पांडू नदी में फेंक दिया था। इस मामले में एक आईपीएस समेत कई पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है।