लद्दाख। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास एक महीने से जारी तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच आज (शनिवार) को बड़ी बैठक होने वाली है ये बैठक दोनों देशों के बीच आगे के रिश्ते तय करेगी। बैठक में दोनों तरफ से ब्रिग्रेडियर स्तर के एरिया कमांडर भी मौजूद रहेंगे।
भारतीय दल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के अधिकारी करेंगे। चीन की तरफ से भी चीनी सेना के कमांडर बैठक में होंगे। इस अहम बैठक पर देश ही नहीं दुनिया की भी नजर होगी, क्योंकि अमेरिका भी भारत और चीन के बीच जारी तनाव पर नजर बनाए हुए है।
लद्दाख के चुशूल के सामने मोल्डो में ये बैठक शनिवार सुबह 9 बजे होगी। मोल्डो टकराव की जगह से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अब सबकी नजर इसपर रहेगी कि क्या ये बैठक तनाव कम करने में कारगर साबित हो पाती है। इससे पहले भी भारत और चीन में डिविजनल कमांडर स्तर की बैठक हो चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय पक्ष इस बातचीत में पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी और डेमचोक में तनाव कम करने का ठोस प्रस्ताव रख सकता है। पूर्वी लद्दाख के ये वो तीन अहम इलाके हैं जहां करीब एक महीने से दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है। इनमें गलवान में तो परिस्थिति थोड़ी बेहतर हुई है, लेकिन पैंगोंग त्सो को लेकर ज्यादा तनाव है।
सीमा पर जारी तनाव के चीन ने भारतीय सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए एक नया कमांडर चुन लिया है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की वेस्टर्न थियेटर कमांड की आधिकारिक वेबसाइट पर ये घोषणा की गई है कि चीन ने लेफ्टिनेंट जनरल शू किलिंग को नया कमांडर नियुक्त किया है। PLA की वेस्टर्न थियेटर कमांड 3488 किलोमीटर लंबी LAC पर नजर रखती है. चीन ये फैसला शनिवार की बैठक से ठीक पहले लिया है।
इसके साथ ही चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने ये बयान भी दिया है कि परिस्थिति नियंत्रण में है और चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, चीन दिखाता कुछ और है और करता कुछ और है। ऐसे में आज की बैठक के बाद दोनों देशों के बीच जारी तनाव कम होनी की उम्मीद जताई जा रही है।
दोनों सेनाओं की दूसरी सबसे बड़ी रैंक वाले अफसरों का सीमा विवाद सुलझाने के लिए इस तरह मिलना एक बहुत बड़ी सामरिक और कूटनीतिक घटना है। भारत और चीन के टकराव को सुलझाने की जिम्मेदारी सेना के इन वरिष्ठ अधिकारों के कंधों पर होगी। दोनों लेफ्टिनेंट जनरल विवाद की जगह से 20 किलोमीटर से भी कम दूरी पर पेंगॉन्ग त्सो झील के किनारे पर मिलने वाले हैं।
यहीं पर बीएमपी कॉम्पलेक्स में भारत और चीन के बीच पहली बार लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बात बातचीत होगी। मौजूदा विवाद में दोनों देशों के बीच अलग-अलग स्तर पर अब तक कम से कम 10 बार बातचीत हो चुकी है। लेकिन सब बेनतीजा रही।
मई की शुरुआत में हुई झड़प की वजह से दुनिया की दो सबसे बड़ी सेनाएं आमने सामने आ गईं। चुशूल के उत्तर में 4 प्वाइंट्स पर दोनों सेनाओं के सैनिक खड़े हैं। जाहिर है कोई पीछे नहीं हटना चाहता। चीन को अपनी हदों में रहने की आदत नहीं है और भारत भी अवैध तरीके से जमीन हड़पने वालों को करारा जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है।