नई दिल्ली। कोर्ट की अवमानना (कंटेम्प्ट) के दोषी भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या की रिव्यू पिटीशन सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी। माल्या ने कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी कर 4 करोड़ डॉलर (292 करोड़ रुपए) अपने बच्चों के नाम ट्रांसफर किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई 2017 को उसे अवमानना का दोषी ठहराया था। माल्या ने फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 27 अगस्त को फैसला सुरक्षित रखा था
माल्या को कर्ज देने वाले बैंकों की अर्जी पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने माल्या को आदेश दिया था कि कोर्ट की परमिशन के बिना कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया जाए। लेकिन, माल्या ने ब्रिटिश फर्म डिआजियो से मिले 4 करोड़ डॉलर अपने बेटे-बेटियों को ट्रांसफर कर दिए थे। बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट में माल्या के खिलाफ अवमानना का केस किया था। माल्या की रिव्यू पिटीशन पर जस्टिस यूयू ललित और अशोक भूषण की बेंच ने 27 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
माल्या का लंदन से भारत प्रत्यर्पण किया जाएगा
भारतीय बैंकों के 9000 करोड़ रुपए के लोन का डिफॉल्टर माल्या अभी लंदन में है। भारतीय एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटी हैं। लंदन हाईकोर्ट ने इस साल 14 मई को उस अर्जी को भी खारिज कर दिया, जिसमें माल्या ने प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की इजाजत मांगी थी। इसके बाद माल्या के पास कोई कानूनी विकल्प नहीं बचा है।