आजमगढ़। यूपी एटीएस और आजमगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम ने बिलरियागंज में छापेमारी कर बड़ी मात्रा में हथियार बरामद कर दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। शहर में स्थित काजी गन हाउस को सीज किया है। काजी गन हाउस के संचालक सैयद काजी अरसद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुका है, जो फरार चल रहा है। एटीएस व पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
यूपी एटीएस ने बुधवार को बिलरियागंज थाना क्षेत्र में छापेमारी कर पतीला गौसपुर के रहने वाले मैनुद्दीन और बिलरियागंज कस्बे के रहने वाले आफताब को अपने साथ लेकर लखनऊ चली गई थी। इनके कब्जे से भारी मात्रा में निर्मित व अर्धनिर्मित हथियार बरामद हुआ था।
एटीएस ने दावा किया कि ये पूर्वांचल में बड़े पैमाने पर हथियारों की तस्करी करते थे । इनके काम को आसान बनाने वाला काजी गन हाउस का संचालक सैयद अरशद काजी फरार चल रहा है। प्रशासन ने काजी गन हाउस को सील कर दिया है। सैयद के गन हाउस से असलहा के साथ बड़े पैमाने पर कारतूस भी सप्लाई होती थी। वह सुभासपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुका है।
यही नहीं काजी अरशद राजनीति में तेजी के साथ उचांइयों पर जाना चाहता था। इससे पहले काजी अरशद मोदी मोर्चा के नाम से बने फर्जी संगठन में पद देने के नाम पर रुपये की मांग करने का आरोप था। मामला सुर्खियों में आया तो मोदी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पुलिस ने गिरफ्तार किया था लेकिन इस मामले में सैयद काजी अरशद साफ बच गया था।
इसके बाद इसने सुभासपा में पैठ बनाई और राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सैयद काजी अरशद को अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष बना दिए थे लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक वर्तमान समय में सैयद काजी अरशद इस समय सुभासपा के किसी भी पद पर नही था। सैयद काजी अरशद का नाम आने से पार्टी में भी हड़कंप मचा हुआ है।