मुंबई। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सीबीआई की 16 सदस्यों की टीम मुंबई में है। शनिवार को लगातार दूसरे दिन सुशांत के कुक नीरज से पूछताछ हो रही है। सीबीआई की टीम आज सुशांत के बांद्रा स्थित घर जाकर सीन को रीक्रिएट कर सकती है।
इसके अलावा सुशांत के घर पर काम करने वाले दीपेश सावंत और केशव बचनेर से भी सवाल-जवाब हो सकते हैं। सीबीआई इस केस के सबसे अहम गवाह सिद्धार्थ पिठानी (सुशांत के रूममेट) को भी आज या कल बुला सकती है।
ऑटोप्सी रिपोर्ट की जांच करेगी एम्स की टीम
एम्स ने सुशांत की ऑटोप्सी रिपोर्ट की जांच के लिए शुक्रवार को फोरेंसिंक विशेषज्ञों के 5 सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन किया है। सीबीआई ने इस मामले में शुक्रवार को एम्स से राय मांगी थी। एम्स के फोरेंसिंक विभाग के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता इस दल की अगुआई करेंगे। उन्होंने बताया, ‘‘हम हत्या की आशंका को देखेंगे, सभी संभावित एंगल से जांच की जाएगी।’’
उन्होंने बताया कि विसरा की जांच की जाएगी। अभिनेता को अवसाद दूर करने के लिए जो दवाएं दी जा रही थीं, उनकी भी एम्स की लैब में जांच होगी।
सीबीआई के सामने 3 चुनौतियां
1. सुशांत की मौत को 60 से ज्यादा दिन हो गए हैं। क्राइम सीन पर सबूत पूरी तरह मिट चुके होंगे। सीबीआई के पास सिर्फ मौके से ली गई तस्वीरें ही सहारा होंगी।
2. मुंबई पुलिस का पूरा रिकॉर्ड मराठी भाषा में है और उसे मराठी से इंग्लिश में ट्रांसलेशन कराने में लंबा वक्त लग सकता है। इनमें 56 गवाहों के बयान भी शामिल हैं।
3. सुशांत की मौत का कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं है। केवल एक आदमी है जिसने डेड बॉडी को लटके देखा और उसने भी डेड बॉडी उतार दी। ऐसे में डेड बॉडी कहां और कैसे लटकी हुई थी उसके पैर कहां पर थे इन बातों को समझने के लिए भी सीबीआई को मशक्कत करनी पड़ेगी।
सीबीआई ने इन चीजों को मुंबई पुलिस से अपने कब्जे में लिया
- सुशांत के 3 मोबाइल फोन, सुशांत का लैपटॉप।
- वो मग, जिसमें सुशांत ने जूस पिया था।
- सुशांत ने उस समय जो कपड़े पहने थे और फंदे के लिए इस्तेमाल में किए गए हरे रंग का कपड़ा।
- ऑटोप्सी और फोरेंसिक रिपोर्ट भी सीबीआई को मिल गई है।
- सुशांत के घर और फॉर्म हाउस से बरामद डायरी।
- 13 से 14 जून की सीसीटीवी फुटेज भी सीबीआई को सौंपी गई हैं।
- रिया चक्रवर्ती, शौविक चक्रवर्ती और इस केस से जुड़े सभी लोगों की सीडीआर।
- 56 गवाहों के बयान की कॉपी भी सीबीआई की टीम ने मुंबई पुलिस से ली है।
मुंबई पुलिस के अधिकारियों से पूछताछ
सीबीआई की टीम ने मुंबई पुलिस के डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे से भी शुक्रवार को पूछताछ की। रिया चक्रवर्ती की कॉल हिस्ट्री से यह भी पता चला है कि सुशांत की मौत की जांच के बीच रिया की त्रिमुखे से कई बार बात हुई थी। यह भी चर्चा है कि आज सीबीआई की टीम डीसीपी रैंक के अधिकारी परमजीत सिंह दहिया से भी पूछताछ करगेी। सुशांत के जीजाजी ने सुशांत की मौत से कुछ महीने पहले डीसीपी दहिया को मैसेज कर सुशांत की जान को खतरा बताया था। सीबीआई टीम ने इसके अलावा इस केस से जुड़े बांद्रा पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों से भी बात की है। टीम शुक्रवार को तकरीबन 10 घंटे तक बांद्रा पुलिस स्टेशन में रही।
सुशांत के कुक का 40 पन्नों का बयान हुआ दर्ज
जांच के पहले दिन यानी शुक्रवार को सीबीआई की एक टीम ने सुशांत के घर पर खाना बनाने वाले नीरज सिंह से पूछताछ की है। नीरज का 40 पन्नों का जवाब दर्ज किया गया है। नीरज सुबह करीब 9 बजे उस गेस्ट हाउस में पहुंच गया जहां पर सीबीआई की टीम रुकी हुई है। सीबीआई ने इस दौरान नीरज से यह जानना चाहा कि आखिर 14 जून यानी जिस दिन सुशांत की मौत हुई है उससे कुछ वक्त पहले से सुशांत का बर्ताव कैसा था? क्या बर्ताव पहले के मुकाबले कुछ बदला हुआ था और क्या कुछ उन्होंने नीरज के साथ साझा किया और नीरज ने क्या कुछ उस दौरान समझा। इतना ही नहीं रिया चक्रवर्ती के रोल को लेकर भी जांच एजेंसी सीबीआई ने नीरज से पूछताछ की।
सीबीआई को इन पॉइंट्स का पता लगाना है
सीबीआई की जांच बिहार पुलिस की एफआईआर पर बेस्ड होगी। इसमें आत्महत्या के लिए उकसाने, धोखाधड़ी और साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया गया था। उस एफआईआर में आईपीसी की धारा 341, 348, 380, 406, 420, 306 और 120बी शामिल हैं। इसके अलावा, सीबीआई को इन पॉइंट्स का पता लगाना है।
- सुशांत सिंह राजपूत की मौत खुदकुशी है या मर्डर? दोनों के पीछे का कारण।
- सुशांत की मौत में रिया, उनके परिवार, बॉलीवुड से जुड़े लोग और उसके घर पर काम करने वाले लोगों की क्या भूमिका थी?
- पैसों के लेन-देन, कमाई और सुशांत के पिता द्वारा लगाये आरोपों की जांच करना।
- सुशांत की बीमारी, उनके डिप्रेशन की थ्योरी और उनके डॉक्टर्स के दावों की पड़ताल करना। पिता ने डॉक्टर्स पर भी संदेह जताया है।
- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की सच्चाई को परखना और फॉरेंसिक रिपोर्ट से इसका मिलान करना।
- कॉल डिटेल्स की पड़ताल और इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस के सहारे इस केस की तह तक जाने का प्रयास किया जाएगा।
- 13 और 14 जून का पूरा सच सामने लाने की पूरी जिम्मेदारी भी सीबीआई के कंधों पर रहेगी।