सुशांत सिंह मामले में फैसला सुरक्षित, सभी पक्षों को 13 अगस्त तक दलीलें दाखिल करने का निर्देश

नई दिल्ली। अभिनेता सुशांत सिंह की खुदकुशी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले में यह तय करेगा कि बिहार में दर्ज एफआईआर को मुंबई को ट्रांसफर किया जाए या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को 13 अगस्त तक संक्षिप्त लिखित दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया।
सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट ने रिया चक्रवर्ती के वकील श्याम दीवान से पूछा कि आपने खुद याचिका में कहा कि आप सीबीआई जांच चाहते हैं। क्या यह सही है? दीवान ने कहा कि हां। लेकिन हम निष्पक्ष जांच चाहते हैं। जिस तरह से जांच सीबीआई को दी गई, उस पर हमें शक है। पहले मामला मुंबई पुलिस को दिया जाए। फिर बाद में तय हो।
बिहार सरकार की ओर से वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि 25 जून को अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई। तब भी मुंबई पुलिस ने एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की। फिर भी दुर्घटना में मौत की जांच क्यों चलती रही। मुंबई पुलिस बस बयान क्यों दर्ज करती रही। मामले में इकलौती एफआईआर पटना पुलिस की है। ऐसा लगता है कि मुंबई पुलिस पर मामले को ढंकने के लिए दबाव है।
जांच के लिए गई बिहार की टीम को जबरन क्वारंटाइन कर दिया गया। यह किस तरह का रवैया है। अगर सुशांत के खाते से 15 करोड़ रुपये गायब हुए हैं तो सुशांत के पिता को पटना में रिपोर्ट दर्ज करवाने का हक था। मुंबई पुलिस ने सिर्फ मीडिया को दिखाने के लिए जांच का दिखावा किया। हकीकत में कोई जांच नहीं की। सही मायनों में 25 जून के बाद कानूनन मुंबई में कोई जांच लंबित नहीं है।
महाराष्ट्र की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि देश मे संघीय ढांचा है। क्या शिकायतकर्ता की सुविधा के लिए कहीं भी केस दर्ज कर लिया जाएगा। इस केस में हर कोई वकील और जज बन गया है। कोई कह रहा है आत्महत्या है, कोई हत्या। लेकिन यह तय है कि मामले में अपराध प्रक्रिया संहिता की हत्या हो रही है। मीडिया मामले को कितना भी सनसनीखेज बनाए। इससे कोर्ट को फर्क नहीं पड़ता।
बिहार पुलिस को जिस जांच का अधिकार ही नहीं। वही जांच वह सीबीआई को सौंप देती है। कोर्ट चाहे तो एफआईआर को एक राज्य से दूसरे राज्य या एजेंसी को ट्रांसफर कर सकता है। लेकिन इस मामले में जो हुआ है वह ग़ैरकानूनी है।
कोर्ट की तरफ से जांच सीबीआई को सौंप दिए जाने की आशंका के मद्देनजर सिंघवी ने सिंगल बेंच के अधिकार पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा- कि अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 406 के तहत चल रही इस कार्रवाई में मुकदमा एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसफर किया जा सकता है। लेकिन क्या सिंगल जज खुद सीबीआई को जांच सौंप सकते हैं।
सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह ने कहा कि दूसरा पक्ष मीडिया रिपोर्ट के आधार पर दलील दे रहा है। लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा। मीडिया तो यह भी कह रहा है कि मामले में सीएम का बेटा भी शामिल है। लेकिन मुझे इस पर कुछ नहीं कहना। उन्होंने कहा कि मैं निष्पक्ष न्याय चाहता हूं। हमें मुंबई पुलिस पर भरोसा नहीं है। वे जांच को दूसरी दिशा में ले जा रहे हैं।विकास सिंह ने कहा कि मुम्बई पुलिस ने इस मामले में सबसे पूछताछ की लेकिन मुख्य आरोपी से नहीं की। डेडबॉडी पर जो निशान थे वो बेल्ट के हो सकते हैं।
रिया जो सब कुछ कंट्रोल कर रही थी उससे पूछताछ होनी चहिए थी लेकिन मुम्बई पुलिस कुछ और ही कर रही थी। विकास सिंह ने कहा कि सुशान्त की बहन केवल 10 मिनट की दूरी पर थी जब लॉक तोड़ा गया, उन्होंने कभी भी उंसको कॉल नहीं किया और न ही इंतजार किया। बहन जब घर पहुँची तो बॉडी जमीन पर रखी हुई थी उन्होंने कभी बॉडी को लटकी हुई नहीं देखा। विकास सिंह ने ललिता कुमारी के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि अगर एक राज्य ने जांच में गड़बड़ी की है तो दूसरा राज्य जांच कर सकता है।
केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जांच स्वतंत्र औऱ निष्पक्ष होनी चाहिए जिसमें सच्चाई सामने आ सके। इस मामले में भी सीबीआई ने बिहार सरकार के आग्रह को स्वीकार कर लिया है। महाराष्ट्र सरकार ने सीलबंद कवर में जो दिया है, वह जांच का विवरण नहीं है। वे अनाधिकृत रूप से बयानों को दर्ज कर रहे हैं। उसमें ईडी पहले से ही जांच कर रहा है। एक बार एक केंद्रीय एजेंसी पर मामला दर्ज हो जाने के बाद, एक अन्य केंद्रीय एजेंसी को शामिल किया जाना चाहिए।
इसके पहले रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल कर कहा था कि मेरे खिलाफ मीडिया ट्रायल चल रहा है। पिछले कुछ समय में दूसरे अभिनेताओं ने भी खुदकुशी की है। लेकिन सुशांत के केस को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। रिया चक्रवर्ती के हलफनामे में कहा गया है कि बिहार के मुख्यमंत्री ने खुद एफआईआर दर्ज होने में दिलचस्पी दिखाई है। बिहार सरकार द्वारा सीबीआई जांच की सिफारिश करना कानूनन गलत है। अगर कोर्ट सीबीआई जांच का आदेश भी देती है तो भी मामला मुंबई में चलना चाहिए न कि पटना में।
रिया चक्रवर्ती ने अपने खिलाफ फटना में दर्ज एफआईआर को मुंबई ट्रांसफर करने के लिए याचिका दायर की है। रिया चक्रवर्ती ने अपनी याचिका में पटना में दर्ज एफआईआर को मुंबई ट्रांसफर करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि मुंबई में पहले से जांच चल रही है। एक ही घटना की दो जगह जांच नहीं हो सकती। सुशांत सिंह के पिता ने पटना में एफआईआर दर्ज करवाया था। एफआईआर में रिया चक्रवर्ती को सुशांत के सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया। रिया पर सुशांत सिंह राजपूत के बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर होने का आरोप लगाया गया है।

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