सेलेब्स के संघर्ष की कहानी: अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार से लेकर रजनीकांत तक…

बॉलीवुड फिल्मों में अपनी मेहनत और जज्बे से अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, अक्षय कुमार आज सबसे बेहतरीन एक्टर में से एक बन चुके हैं। एक आउटसाइडर होने के नाते इन सितारों को इंडस्ट्री में अपनी पहचान कायम करने में वक्त जरूर लगा लेकिन अब इन सितारों के नाम हर किसी की जुबां पर है। ये कम ही लोग जानते हैं कि ये हस्तियां फिल्मों में आने से पहले काफी संघर्ष कर चुकी हैं, कुछ ने तो कभी रेस्टोरेंट के वेटर और बस कंडेक्टर का काम भी किया है।

अमिताभ बच्चन

कई दशकों से बॉलीवुड में बेहतरीन फिल्में देते आ रहे महानायक अमिताभ बच्चन ने एक्टिंग करियर शुरू करने से पहले बतौर एक्जीक्यूटिव एक शिपिंग कंपनी में काम किया है। एक्टर को अपनी भारी आवाज के कारण भी कई बार काम देने से इनकार कर दिया गया था। हालांकि आज अमिताभ बच्चन बॉलीवुड के सबसे लोकप्रिय एक्टर हैं। उन्होंने फिल्म जंजीर, शोले, दीवार जैसी फिल्मों से खूब फेम हासिल किया था।

रजनीकांत

साउथ सुपरस्टार थलाइवा रजनीकांत की फिल्मों की टिकट पाने के लिए आज टिकट काउंटर में मारपीट हो जाती है लेकिन एक समय था जब रजनीकांत खुद बस में टिकट बांटा करते थे। जी हां, फिल्मों में काम करने से पहले एक्टर बैंगलोर ट्रांसपोर्ट सर्विस में बस कंडक्टर का काम किया करते थे। एक्टर ने 1973 में एक्टिंग में डिप्लोमा करने के लिए मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया था जिसके बाद उन्हें तमिल फिल्म में ब्रेक मिला था। रजनीकांत को पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित किया जा चुका है।

शाहरुख खान

बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान ने अपनी एक्टिंग से सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का दिल जीत लिया है। एक्टर महज 1500 रुपए लेकर मुंबई आए थे। कम रुपयों में जिंदगी गुजारने के लिए शाहरुख को कई बार रेल्वे प्लेटफॉर्म में रातें गुजारनी पड़ी थीं। संघर्ष के दिनों में एक्टर ने कॉन्सर्ट के अटेंडेंट का काम भी किया है यहां तक कि उन्होंने खुद 1994 में आई अपनी फिल्म कभी हां कभी ना की टिकट बेची हैं। फिल्मों से पहले एक्टर ने प्ले में काम किया था जहां उनकी एक्टिंग को खूब सराहना मिली। उन्होंने टेलीविजन शो फौजी और सर्कस से भी खूब फेम हासिल किया जिसके बाद शाहरुख ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

बोमन ईरानी

डॉन, मुन्ना भाई एमबीबीएस, हैप्पी न्यू ईयर और थ्री इडियट्स जैसी बेहतरीन फिल्मों का हिस्सा रह चुके बोमन ईरानी के पिता का निधन उनके कम उम्र में ही हो चुका था। पिता अपने पीछे एक छोटी सी बेकरी छोड़कर गए थे जिसे चलाने के लिए बोमन अपनी मां का साथ देते थे। बाद में मां की मदद करने के लिए बोमन ने मुंबई के बड़े होटल ताजमहल पैलेस एंड टॉवर में बतौर वेटर और रूम सर्विस अटेंडर का काम करना शुरू किया। अपने बचाए हुए पैसों से उन्होंने फोटोग्राफी का कोर्स किया और थिएटर में शामिल हो गए। और इसी तरह धीरे-धीरे उनके एक्टिंग करियर की शुरुआत की। बोमन आज इंडस्ट्री के सबसे बेहतरीन एक्टर में से एक हैं।

अक्षय कुमार

बॉलीवुड के खिलाड़ी कुमार अक्षय कुमार ने एक रेस्टोरेंट में बतौर वेटर और शेफ का काम किया है। इसके अलावा अक्षय मार्शल आर्ट्स ट्रेनर भी रह चुकी हैं। 1990 में अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने कई एक्शन फिल्मों में काम किया जिसमें वो खुद खतरनाक स्टंट किया करते थे। आज अक्षय साल में सबसे ज्यादा फिल्में करने वाले और सबसे ज्यादा कमाई करने वाले बॉलीवुड एक्टर हैं।

कंगना रनोट

गैंगस्टर फिल्म से साल 2005 में बॉलीवुड डेब्यू करने वाली कंगना रनोट का एक्टिंग करियर मुश्किलों से भरा रहा है। उनके घरवाले चाहते थे कि वो डॉक्टर बनें लेकिन कंगना के दिल दिमाग में एक्टिंग करना ही तय था। घरवालों से विरुद्ध जाकर कंगना ने महज 16 साल की उम्र में अपना घर छोड़ दिया और अकेले ही मुंबई चली आईं। यहां आकर कई दिनों तक कंगना ने रोटी और अचार खाकर अपनी गुजारा किया। पहले मॉडलिंग और बाद में थिएटर में कंगना ने अपनी किस्मत आजमाई। बाद में कंगना को थिएटर डायरेक्टर अरविंद गौर की ट्रेनिंग मिली और उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया।

नवाजुद्दीन सिद्दीकी

बॉलीवुड के सबसे बेहतरीन एक्टर कहे जाने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने अपने संघर्ष के दिनों में देढ़ साल तक वॉचमैन और केमिस्ट का काम किया है। आठ भाई बहनों में सबसे बड़े नवाज हरिद्वार में केमिस्ट का करने बाद नई नौकरी की तलाश में दिल्ली पहुंचे थे। यहां उन्होंने प्ले में हाथ आजमाया। एक्टर ने साल 1990 में आमिर खान स्टारर फिल्म सरफरोश में एक छोटा सा रोल निभाया था। इसके बाद एक्टर शूल, जंगल और मुन्नाभाई एमबीबीएस में भी नजर आए। लंबे संघर्ष के बाद नवाज को बेहतरीन फिल्में मिलनी शुरू हुईं। एक्टर गैंग्स ऑफ वासेपुर, मांझी, मंटो, लंच बॉक्स, किक, मॉम जैसी कई बेहतरीन फिल्मों का हिस्सा रह चुके हैं।

जैकी श्रॉफ

जग्गू दादा नाम से मशहूर जैकी श्रॉफ एक समय के लोकप्रिय एक्टर रह चुके हैं। एक्टर अपने परिवार के साथ मुंबई की तीन बत्ती चोल में रहा करते थे जहां उन्हें सब जग्गू दादा नाम से बुलाते थे। एक्टर को कुकिंग का बड़ा शौक था। पैसे कमाने के लिए जब जैकी शेफ बनने ताज गए तो वहां उन्हें कम पढ़ा लिखा होने के कारण नौकरी नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने फ्लाइट अटेंडर के लिए भी इंटरव्यू दिया लेकिन इसमें भी उन्हें रिजेक्शन का सामना करना पड़ा। एक दिन अचानक ही बस स्टेंड में खड़े जैकी को एक आदमी ने मॉडलिंग करने का ऑफर दिया। जैकी ने उनसे सिर्फ इतना ही पूछा कि क्या इसके लिए पैसे मिलेंगे और हां सुनकर जैकी तुरंत मान गए। मॉडलिंग के बाद जैकी ने फिल्मों में एंट्री मारी।

अरशद वारसी

मुन्नाभाई एमबीबीएस फिल्म में सर्किट और गोलमाल, धमाल जैसी फिल्मों में सबको हंसाने वाले अरशद वारसी एक समय घर घर जाकर सामान बेचने वाले सेल्समैन का किया करते थे। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में छोटे मोटे रोल किए और बाद में उन्हें तेरे मेरे सपने फिल्म से बड़ा ब्रेक मिला।

धर्मेंद्र

बॉलीवुड के ही-मेन कहे जाने वाले एक्टर धर्मेंद्र के लिए पंजाब से मुंबई तक का सफर आसान नहीं था। यहां आकर एक्टर ने कई दिनों तक एक ड्रिलिंग फर्म में काम किया जहां उन्हें 200 रुपए मिलते थे। मुंबई में रहने का ठिकाना ना होने पर एक्टर गैरेज में ही रात गुजारते थे। एक्टर फिल्मफेयर मैग्जीन के न्यू टैलेंट अवॉर्ड के विजेता बने थे जिसमें उन्हें एक फिल्म देने का वादा किया गया था हालांकि ये फिल्म कभी बनी ही नहीं। एक्टर ने लंबे स्ट्रगल के बाद फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरा से साल 1960 में बॉलीवुड डेब्यू किया था।

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