सोनिया की जगह रायबरेली में स्मृति चेयरमैन, अखिलेश और मुलायम…

रायबरेली। उत्तर प्रदेश की दिशा कमेटियां इन दिनों सुर्खियों में हैं। वजह, कुछ दिन पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष और रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी को इसी कमेटी के अध्यक्ष पद से हटाकर अमेठी की सांसद और केंद्रीय मंत्री समृति ईरानी को दिशा कमेटी का अध्यक्ष बना दिया गया है। कारण बताया गया कि सोनिया बैठक में नहीं आती थीं। नियमानुसार दिशा की बैठक हर तीन महीने में एक बार होनी होती है। वैसे, ऐसा सिर्फ रायबरेली में ही नहीं हो रहा था, कई और बड़े सांसद भी दिशा की बैठक से दूर हैं।

यूपी के 10 बड़े सांसदों की ‘दिशा’ का हाल देखा। जिसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी ने 2019 से सिर्फ 2 बार दिशा की मीटिंग में हिस्सा लिया है। भाजपा सांसद वरुण गांधी का भी यही हाल रहा है।

लखनऊ से सांसद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गोरखपुर से सांसद रवि किशन, वाराणसी से सांसद नरेंद्र मोदी, गाजियाबाद से सांसद जनरल वीके सिंह, सुल्तानपुर से मेनका गांधी, पीलीभीत से वरुण गांधी, अमेठी से स्मृति ईरानी मथुरा से हेमा मालिनी, मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव और आजमगढ़ से अखिलेश यादव के बारे में अहम जानकारी सामने आई है।

क्या है दिशा कमेटी

केंद्रीय योजनाओं को जिले में किस तरह से नियमानुसार लागू किया जा रहा है। इस पर निगरानी रखने के लिए साल 2016 में दिशा कमेटी की बनाई गई थी। यह कमेटी 27 केंद्रीय योजनाओं की निगरानी करती है।

क्या कहते हैं नियम?

  • ग्रामीण विकास मंत्रालय की गाइडलाइन के लिए अनुसार जिले की संसदीय सीट से मौजूदा सांसद को ही कमेटी का चेयरमैन बनाया जाता है।
  • अगर जिले से एक से अधिक सांसद चुने जाते हैं तो वरिष्ठ सांसद को ही चेयरपर्सन बनाना चाहिए। जिले से राज्यसभा सांसद भी कमेटी का अध्यक्ष बन सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here