नई दिल्ली। रूस द्वारा कोरोना टीका बनाने का दावा करने के बाद सोने और चांदी के दाम में बीते सप्ताह भारी गिरावट आई। लेकिन, आर्थिक सुस्ती, अमेरिका-चीन के बीच तकरार और डॉलर में कमजोरी से सोने और चांदी की तेजी को आगे भी सपोर्ट मिलने के आसार हैं। कमोडिटी विशेषज्ञों की माने तो सोने और चांदी के प्रति निवेशकों को आकर्षण अभी कायम है क्योंकि कोरोना का कहर अभी टला नहीं है और शेयर बजार में अनिश्चितता बनी हुई है।
विशेषज्ञ बताते कि महंगी धातुओं के प्रति निवेशकों का आकर्षण कम नहीं हुआ है, यही वजह कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने का वायदा भाव रिकॉर्ड उंचाई 2089 डॉलर प्रति औंस से 215 लुढ़ककर 1874 डॉलर पर आ गया, लेकिन सप्ताह के आखिर में सोने का भाव 1953.60 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ, जोकि इससे पहले के रिकॉर्ड स्तर काफी उपर है। सोने का वायदा भाव इससे पहले 2011 में 1,911.60 डॉलर प्रति औंस तक उछला था। हालांकि हाजिर में इससे पहले का रिकॉर्ड स्तर 1920 डॉलर प्रति औंस था।
कॉमेक्स पर सोने का वायदा भाव सात अगस्त 2020 को रिकॉर्ड 2,089.20 डॉलर प्रति औंस तक उछला, लेकिन कोरोना के वैक्सिन तैयार होने की खबर के बाद बीते बुधवार को लुढ़ककर 1,874.20 डॉलर प्रति औंस पर आ गया।
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया बताते हैं कि अमेरिका और चीन के बीच तनाव और डॉलर में कमजोरी के साथ-साथ शेयर बाजार में अस्थिरता लगातार जारी है, जिससे सोने को सपोर्ट मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की रेस में मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कमजोर पड़ने से शेयर बाजार की अनिश्चितता और गहरा सकती है, जिससे सोने और चांदी के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंकों की ब्याज दरें कम होने और कोरोना के कहर से मिल रही आर्थिक चुनौतियों को देखते हुए निवेशक अभी भी निवेश के सुरक्षित साधन को पसंद कर रहे हैं जिनमें सोना उनका पसंदीदा निवेश उपकरण है।
घरेलू वायदा बाजार में भी सोना बुधवार को 50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से नीचे आ गया, लेकिन बाद में संभलकर 52,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से उपर बंद हुआ। चांदी का भाव जो घरेलू वायदा बाजार में सात अगस्त को 77,949 रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर तक उछला था वह 12 अगस्त को टूटकर 60,910 रुपये प्रति किलो पर आ गया जबकि सप्ताह के आखिर मंे शुक्रवार को एमसीएक्स पर चांदी का भाव 67,220 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ। सोने और चांदी में तेजी के आसार से कोई इनकार नहीं कर रहा है, लेकिन उंचे भाव पर मुनाफावसूली का दबाव रहने से कीमतों में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रह सकता है।
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता कहते हैं कि डॉलर में कमजोरी से सोने को सपोर्ट मिलेगा लेकिन कोरोना वैक्सीन बन जाने से मुनाफावसूली का दबाव बना रहेगा, क्योंकि सोने और चांदी कीमतें अभी काफी उपर हैं जोकि छोटे निवेशकों के दायरे से उपर है। उन्होंने कहा कि फिजिकल मार्केट यानी हाजिर बाजार में पुराने सोने की बिकवाली बढ़ सकता है।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि कोरोना के टीके की खबर के बाद सोने चांदी में गिरावट आना और फिर रिकवरी इस बात का सूचक है कि सोने और चांदी में अभी और तेजी की संभावना है जिससे निवेशकों का मनोबल और उंचा होगा और जो लोग अब तक इंतजार में थे वे खरीदारी के प्रति उत्सुक होंगे।