नई दिल्ली। केंद्र सरकार के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने बुधवार को देश में इनोवेटिव स्टार्टअप इकोसिस्टम और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए दिग्गज भारतीय कंपनी आईटीसी लिमिटेड के साथ साझेदारी का ऐलान किया।
आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह साझेदारी देश भर में स्टार्टअप्स के लिए व्यवहार्य बाजार अवसरों के सृजन के अलावा स्टार्टअप विकास और तकनीकी उन्नति में तेजी लाने के लिए काम करेगा।
इस साझेदारी के तहत आईटीसी मैन्युफैक्चरिंग एग्जीक्यूशन सिस्टम (एमईएस) के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म, मैन्युफैक्चरिंग लोकेशन और एनर्जी स्टोरेज सिस्टम के लिए रिन्यूएबल एनर्जी अवसरों को एकीकृत करने जैसे प्रमुख क्षेत्रों में स्टार्टअप सॉल्यूशंस को लागू करेगी।
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डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव संजीव ने कहा कि यह पहल भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों जैसे स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के साथ निकटता से जुड़ी हुई है। इसके अलावा, यह इनोवेशन आधारित उद्यमिता के माध्यम से समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देकर विजन 2047 में योगदान देने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने आगे कहा कि हम स्टार्टअप्स के लिए अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के लिए स्केलेबल समाधान और बदलाव लाने वाले विकास को बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं।
आईटीसी कॉरपोरेट मामलों के अध्यक्ष अनिल राजपूत ने कहा, “एमओयू स्टार्टअप और आईटीसी दोनों के लिए मूल्य सृजन करेगा। यह मैन्युफैक्चरिंग को भविष्य के लिए तैयार करने और परिचालन उत्कृष्टता बढ़ाने के लिए डिजिटल समाधानों पर ध्यान केंद्रित करेगा।”
डीपीआईआईटी के डेटा के अनुसार, भारत में पंजीकृत स्टार्टअप्स की कुल संख्या 2016 में लगभग 400 से बढ़कर 1,57,066 हो गई है। इन नए स्टार्टअप में निवेश 9 साल की अवधि में 8 अरब डॉलर से बढ़कर 115 अरब डॉलर हो गया है।
आधिकारिक बयान में कहा गया कि इन स्टार्टअप्स ने मिलकर पूरे देश में 16 लाख से ज्यादा नौकरियों के अवसर पैदा किए हैं। यह दिखाता है कि रोजगार में स्टार्टअप इकोसिस्टम की अहम भूमिका है।
बयान में आगे कहा गया कि स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत मान्यता प्राप्त किए कुल स्टार्टअप में से 73,000 में कम से कम एक में महिला निदेशक है।