लखनऊ। देश भर में आज भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 137वीं जयंती मनाई जा रही है। वहीं गुजरात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के सम्मान में बनी 182 मीटर ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ देश को समर्पित की। यह भारत के लौह पुरुष कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की एक भव्य प्रतिमा है। इस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने मोदी सरकार व आरएसएस को आड़े हाथों लिया है। मायावती ने कहा कि पटेल विशुद्ध रूप से भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता के पोषक थे लेकिन उनकी प्रतिमा पर विदेशी निर्माण की छाप उनके समर्थकों को हमेशा सताती रहेगी। बसपा प्रमुख ने कहा कि आम्बेडकर की तरह पटेल एक राष्ट्रीय व्यक्ति थे और उनका सम्मान भी था लेकिन भाजपा और उसकी केन्द्र सरकार ने उन्हें क्षेत्रवाद की संकीर्णता में बांध दिया है ।
मायावती ने कहा कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ नामक पटेल की प्रतिमा का प्रधानमंत्री द्वारा आज किए गए अनावरण के बाद बीजेपी व आरएसएस एंड कंपनी के उन लोगों को खासकर बहुजन समाज के लोगों से माफी मांगनी चाहिए, जो बाबा साहब डॉ. आंबेडकर सहित दलितों व अन्य पिछड़े वर्गों में जन्मे महान संतों, महापूरूषों के आदर सम्मान में बीएसपी सरकार द्वारा निर्मित स्मारकों, पार्कों आदि को फजूलखर्ची बताकर इसकी जबरदस्त आलोचना किया करते थे। उन्होंने कहा कि वैसे तो पटेल अपनी बोल-चाल, रहन-सहन व खानपान से पूर्णता भारतीय व भारतीय संस्कृति के मिसाल थे, लेकिन उनकी भव्य प्रतिमा का नामकरण हिंदी व भारतीय संस्कृति के नजदीक होने के बजाय उनका ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’जैसा अंग्रेजी नाम रखना कितनी राजनीति है और कितनी श्रद्धा है यह देश की जनता अच्छी तरह से समझ रही है।
मायावती ने कहा कि इसके अलावा पटेल विशुद्ध रूप से भारतीय संस्कृति व सभ्यता के पोषक थे, लेकिन उनकी प्रतिमा पर विदेशी निर्माण की छाप उनके समर्थकों को हमेशा सताती रहेगी। यह निश्चित है। उन्होंने आगे कहा कि अगर बीजेपी को वाकई पटेल के नाम पर राजनीति ना करके सही मायने में उनके साथ लगाव होता तो गुजरात में इतने लंबे शासन के दौरान उन्होंने उनकी ऐसी भव्य प्रतिमा क्यों नहीं बनाई।