लखनऊ। कांग्रेस महसचिव प्रियंका गांधी समेत यूपी के 52 हज़ार कार्यकर्ता अपनी चार प्रमुख मांगों को लेकर स्पीक अप इंडिया कार्यक्रम में फेसबुक लाइव हुए। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष की गिरफ्तारी के बावजूद हमने हिम्मत नहीं हारी है। हम लड़ रहे हैं और लड़ते रहेंगे।
इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि कार्यकर्ता उन लोगों के पक्ष में अपनी आवाज उठा रहे हैं जो लोग लॉकडाउन और कोरोना महामारी के प्रभाव से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। हम यह काम इसलिए कर रहे हैं ताकि सरकार उनकी बात सुने। 10 हज़ार रुपये हर जरूरतमंद के अकाउंट में डाला जाए।
दूसरी मांग है कि अगले 6 महीने तक प्रतिमाह 7500 रुपये जरूरतमंद लोगों के खाते में डाली जाए। जो प्रवासी मजदूर अपने गांव पहुंच चुके हैं उनके लिए मनरेगा के कार्य दिवस 100 से 200 दिन तक बढ़ाया जाए। जो लोग लॉक डाउन से जूझ रहे हैं, जिनके पास कोई बिजनेस नहीं है, जो छोटे उद्योग वाले हैं, छोटे दुकानदार हैं, बुनकर हैं। उनकी मदद के लिए सरकार कुछ करें उनको एक आर्थिक पैकेज दे। कांग्रेस महासचिव ने सभी राजनैतिक पार्टियों से खास कर भाजपा से अपील की है कि यह वक्त राजनीति का नहीं है। पूरे देश के इकट्ठा होने का है। सभी पार्टी के राजनेताओं को वैचारिक मतभेदों को भुलाकर सबकी मदद करनी है। जब यूपी में हमारी 1000 बसों को नकार दिया।
हमने कहा था कि भाजपा अपने बैनर पोस्टर लगा ले, हमें उससे कोई परहेज नहीं है। सरकार ने 12 हज़ार बसें यूपी परिवहन की चलाने का ऐलान किया था, लेकिन आज तक वह कागज पर चल रही हैं। उन्हें सड़कों पर नहीं उतारा गया।प्रियंका ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में महामारी का भयानक रूप है। वहां की सरकार लड़ रही है, सहयोग देने की बजाय भाजपा वहां की सरकार को गिराना चाह रही हैं। उसे अस्थिर करना चाहती हैं।
जनता दुखी है, परेशान है, तड़प रही है। श्रमिक ट्रेनों में लाशें पड़ी हैं। एक बच्चे का दम अपने पिता की गोद में टूट रहा है। एक मां की लाश प्लेटफार्म पर पड़ी है उसका बच्चा उसे जगाने की कोशिश कर रहा है। इस देश की एक-एक मां इस दृश्य को देख कर रो रही है। भारत माता रो रही हैं। आप मौन हैं, आप कुछ बोल नहीं रहे है।