वाराणसी। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में वाराणसी गंगा किनारे बसे शहरों में नम्बर वन रैंक पर आया है। इस मामले पर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त देवी दयाल वर्मा ने बताया कि हमने घाट और शहर की सफाई, कूड़े का उठान, नालों की साफ सफाई और जागरूकता पर फोकस किया जिसका असर अब देखने को मिला है।
घाट और शहर की सफाई की मॉनिटरिंग हुई
अपर नगर आयुक्त देवी दयाल वर्मा ने बताया कि 2014 में पीएम मोदी ने वाराणसी से सांसद बनने के बाद घाटों की सफाई का अभियान चलाया था। हमने उसे मुहिम बना दिया। उन्होंने बताया कि हमने पूर्व सैन्य अधिकारियों को लेकर 16 लोगों की एक क्यूआरटी टीम बनाई। जोकि घाटों और शहर की साफ सफाई की व्यवस्था की निगरानी करती थी। सुबह शाम साफ सफाई की व्यवस्था को बेहतर बनाया जिसका नतीजा दिखने लगा।
घर घर से कूड़े की उठान करवाई गयी
देवी दयाल के मुताबिक घर घर से कूड़े की उठान को सुनिश्चित किया गया। इस संबंध में लोगों से अपील की गई कि गीला और सूखा कूड़ा अलग अलग रखे। जिसका असर हुआ कि हमने अच्छी और जल्दी कूड़े का निस्तारण किया।
नालों की साफ सफाई पर फोकस किया, एसटीपी से पानी साफ किया
देवी दयाल के मुताबिक नालों की साफ सफाई पर भी ध्यान दिया गया। गंदे पानी को एसटीपी तक ले जाया गया जहां पानी साफ किया गया। गंगा में गिरने वाले नालों को बन्द किया गया। शहरों के बीचों बीच जो नाले है उन्हें लगातार साफ किया गया। जिसका असर अब रैंकिंग में देखने को मिला है।
लोगों को जागरूक किया और दीवारों पर स्लोगन लिखे गए
देवीदयाल के मुताबिक लोगों को जागरूक करने के लिए हमने दीवारों पर स्लोगन लिखवाए। शहरी इलाके के साथ साथ ग्रामीण इलाकों पर भी हमने फोकस किया। जिससे लोग जागरूक हुए और साफ सफाई में मदद भी की।
80 से 90 प्रतिशत सही फीडबैक आया
देवी दयाल के मुताबिक शहरी विकास मंत्रालय दिल्ली से टीम आयी थी। जिसने शहर के अलग अलग हिस्सों में सैकड़ों लोगों से बात की। जिसमे शहर की साफ सफाई की व्यवस्था से संबंधित लोगों से सवाल पूछे गए थे। लोगों ने अच्छा फीडबैक दिया जिसके नतीजा हम बेहतर कर पाए।