मुजफ्फरनगर। 22 जुलाई को शुक्रताल (मुजफ्फरनगर) से कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को लेकर शुरू हुआ विवाद 5 अगस्त को थम गया। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के कहने पर मंत्री ने चलती गाड़ी से माफीनामे की वीडियो बनाकर भेजी, जिसके बाद त्यागी समाज के लोग शांत हुए। हालांकि इस विवाद के खत्म होते ही त्यागी समाज ने एक नए मुद्दे को हवा दे दी है।
उन्होंने कहा है कि सहारनपुर से आगरा और बरेली तक हमारे समाज का कोई सांसद, विधायक, DM या SSP नहीं है। हमें भी सब जगह हिस्सेदारी चाहिए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने इस बात पर भी विचार करने की बात कही है।
शुक्रताल में मंत्री के बयान पर हुआ था विवाद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 22 जुलाई को मुजफ्फरनगर जिले के प्राचीन स्थल शुक्रताल में पहुंचे थे। इस दौरान कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह भी वहां मोजूद थे। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए त्यागी समाज की लड़कियों को लेकर एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था, ‘2017 के पहले जो बेटा 10 साल का था। आज उसकी आयु 17 साल हो गई है। उसको यह मालूम नहीं होगा कि कश्यप की बेटी को कैसे उठाकर, सैनी की बेटी को उठाकर, त्यागी की बेटी को उठाकर रेप करके हत्या कर दी जाती थी। थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं होती थी।’
पश्चिम में त्यागी लगातार कर रहे थे विरोध प्रदर्शन
त्यागी समाज में इस बयान को लेकर आक्रोश था। समाज के लोगों का कहना था कि उनकी बेटियों के साथ ऐसा नहीं हुआ। अगर ऐसा हुआ तो प्रूफ सहित बताएं। अगर मंत्री को बयान देना भी था तो समाज का नाम लेने की क्या जरूरत थी। मंत्री के इस बयान के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में त्यागी समाज के लोगों ने बैठकें शुरू कर दीं। भाजपा का जगह-जगह विरोध होने लगा। मुजफ्फरनगर से BJP के जिलाध्यक्ष ने मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह की तरफ से खेद पत्र जारी किया, लेकिन समाज के लोग नहीं माने। वे इसी बात पर अड़े थे कि मंत्री स्वयं खेद जताएं और माफी मांगें।
वार्ता खत्म नहीं हुई, इससे पहले आ गई स्वतंत्र देव के खेद जताने की वीडियो
त्यागी बिरादरी के वरिष्ठ नेता मांगेराम त्यागी (मुजफ्फरनगर) ने पहले ही ऐलान किया था। जिसमें अगर स्वतंत्रदेव सिंह 5 अगस्त को गाजियाबाद की मीटिंग में पहुंचे तो विरोध होगा। स्वतंत्र देव सिंह तो नहीं आए, लेकिन त्यागी समाज के सैकड़ों लोग जरूर गाजियाबाद पहुंच गए। BJP के मीटिंग स्थल कैलाश मानसरोवर भवन के दोनों गेटों पर डेरा डालकर बैठ गए। करीब 2 घंटे हंगामा चला। मांगेराम त्यागी ने साफ कह दिया कि कोई BJP नेता न बाहर जाएगा, न अंदर आएगा। ऐसा हुआ तो गाड़ी उनके ऊपर से गुजारनी होगी।
बात बनते न देख BJP प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने 21 सदस्यीय डेलिगेशन वार्ता के लिए अंदर बुलाया। त्यागी बिरादरी ने एक ही शर्त रखी। वो थी स्वतंत्रदेव सिंह माफी मांगें। आखिर वही हुआ। ये वार्ता बैठक समाप्त नहीं हुई, इससे पहले भूपेंद्र चौधरी के मोबाइल पर स्वतंत्र सिंह द्वारा खेद जताने की वीडियो प्राप्त हो गई। बस इसी के साथ त्यागी समाज ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की।
मांगेराम त्यागी बोले- हम सिर्फ वोट बैंक नहीं, हिस्सेदारी चाहिए
वरिष्ठ नेता मांगेराम त्यागी ने BJP प्रदेश अध्यक्ष के सामने एक और महत्वपूर्ण मुद्दा रखा। उन्होंने कहा, सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, आगरा, मुरादाबाद और बरेली मंडल में त्यागी समाज से कोई भी सांसद या विधायक नहीं है। न ही इन मंडल के किसी भी जनपद में कोई DM-SSP त्यागी बिरादरी से है। जबकि इन मंडलों की प्रत्येक विधानसभा में त्यागी वोटरों की संख्या 15 से 80 हजार है।
इसी तरह प्रत्येक लोकसभा में कम से कम एक-एक लाख त्यागी वोटर हैं। मांगेराम त्यागी ने BJP प्रदेश अध्यक्ष से साफ तौर पर कहा कि अब हमारे समाज को भी भागीदारी चाहिए। वो सिर्फ वोट बैंक नहीं बनने वाला। अगर ऐसा नहीं हुआ तो आंदोलन होगा। BJP प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने भरोसा दिया कि वे इस बारे में विचार करेंगे और चर्चा करेंगे।
श्रीकांत त्यागी मामले से बना था BJP के खिलाफ माहौल
त्यागी समाज को भाजपा का बेस वोटर माना जाता है। लेकिन भाजपा के खिलाफ इस समाज में आक्रोश की शुरुआत नोएडा वाले श्रीकांत त्यागी के मुद्दे से शुरू हुई थी। पिछले साल जुलाई महीने में नोएडा सेक्टर-93 की ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में एक महिला से बदसलूकी के आरोप में पूर्व BJP नेता श्रीकांत त्यागी पर FIR हुई। इसके बाद इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि श्रीकांत त्यागी 25 हजार का इनामी हुआ, फिर गुंडा एक्ट की कार्रवाई हुई।
श्रीकांत त्यागी के फ्लैट के बाहर अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चला। कई गाड़ियां तक सीज हुईं। त्यागी समाज के लोग इस मामले में श्रीकांत त्यागी के साथ खड़े हो गए। उनका कहना था कि श्रीकांत त्यागी को सरकार ज्यादा सजा दे रही है। इसे लेकर त्यागी समाज ने अगस्त महीने में वेस्ट यूपी में कई जगहों पर भाजपा सरकार के खिलाफ पंचायतें की थीं। तभी से खुद श्रीकांत त्यागी भी BJP से अलग करके पश्चिमी यूपी के दौरे कर रहे हैं।