नई दिल्ली। देश के प्रमुख त्योहार दिवाली से पहले ही लोग ये जान जाएंगे कि इस बार इस त्योहार पर क्या-क्या देसी चीजें उपलब्ध होने वाली हैं। इसके लिए कारोबारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) देशभर में भारतीय सामानों की 300 वर्चुअल यानी ऑनलाइन प्रदर्शनी का आयोजन करने की योजना बनाई है। इसमें दिवाली से जुड़े हुए सामानों को प्रदर्शित किया जाएगा। इसकी शुरुआत शुक्रवार को दिल्ली स्थित कैट के कार्यालय में आयोजित एक लाइव डिस्प्ले और वर्चुअल प्रदर्शनी से हो गई है।
आमतौर पर हर साल राखी से शुरू होकर दिवाली तक चलने वाला त्योहारी सीजन कारोबारियों के लिए बेहद व्यस्त और अहम होता है। एक अनुमान के मुताबिक़ पिछले कुछ वर्षों में भारतीय व्यापारियों ने इस त्योहारी सीजन के लिए करीब 40 हजार करोड़ रुपये का सामान चीन से आयात किया और बेचा है। इस बार देशभर में चीन के ख़िलाफ़ जिस तरह का वातावरण बना है, उसके चलते इस बार चीन से सामान मंगाने की योजना नहीं है।
कैट से जुड़े व्यापारियों ने यह तय किया कि इस बार त्योहारी सीज़न में चीन का बना कोई भी सामान देश में नहीं बेचा जाएगा। इसको लेकर देशभर में भारतीय सामानों की आसान उपलब्धता को लेकर व्यापक रूप से तैयारी शुरू हो गई है। भारतीय सामानों को बड़े पैमाने पर देशभर में उपलब्ध कराने और उसकी बिक्री के लिए कैट ने देशभर में त्योहार से सम्बंधित सामानों की 300 से ज्यादा ऑनलाइन प्रदर्शनी लगाई। इसमें ग्राहकों को त्योहार से जुड़े सामानों का भारतीय विकल्प सुझाया जाएगा। इसकी शुरुआत दिल्ली स्थित कैट के कार्यालय में आयोजित एक लाइव डिस्प्ले और वर्चुअल प्रदर्शनी से हुई। कैट का मानना है कि उनके इस अभियान में देशभर के 40 हजार से ज़्यादा व्यापारिक संगठन जुड़ेंगे।
कैट के महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के अनुसार दिवाली से सम्बंधित सभी सामान जिसमें दीये, मोमबत्ती, बिजली की लड़ियां, बिजली के रंग बिरंगे बल्ब, वंदनवार, दुकानों एवं घरों को सजाने के लिए सजावटी सामान, रंगोली, शुभ लाभ के चिह्न, उपहार देने की वस्तुएं, पूजन के लिए गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा, और अनेक प्रकार के सामान भारतीय कारीगरों से बनवाए जाएंगे। इस सामानों की बिक्री उनके संगठनों के जरिए होगी। इससे देश के सबसे निचले तबके के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी और लोकल उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि कैट ने देशभर के व्यापारियों एवं लोगों से हिंदुस्तानी दिवाली मनाने का आवाहन करते हुए व्यापारिक संगठनों को सलाह दी है की वो देश के कोने कोने से दिवाली पर उपयोग में आने वाले सामान बनाने वाले स्थानीय कुम्हार, शिल्पकार, कारीगर, मूर्तिकार, कलाकार आदि को चिह्नित कर उनके बनाए हुए सामानों को व्यापारियों द्वारा बिकवाने का काम करें। इससे हिन्दुस्तानी सामानों की दिवाली का सपना पूरा होगा और प्रधानमंत्री के लोकल पर वोकल तथा आत्मनिर्भर भारत के आह्वान को वास्तव में अमली जामा पहनाने में मदद मिलेगी।