हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस की 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और बेरहमी से पिटाई के कारण मौत मामले का मुख्य आरोपी संदीप सिसोदिया पीड़िता द्वारा उसे नजरअंदाज किए जाने से निराश हो गया था। यह बात केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने चार्जशीट में कही है।
एक स्थानीय अदालत में दायर की गई 19-पृष्ठ की चार्जशीट में दावा किया गया है कि संदीप और पीड़िता का 2 या 3 साल पहले परिचय हुआ था, जो धीरे-धीरे ‘प्रेम संबंध’ में बदल गया था।
सीबीआई ने दावा किया कि जांच के दौरान यह सामने आया कि संदीप और पीड़िता अलग-थलग जगहों पर मिलते थे। कई गवाहों ने भी यह बात कही है। संदीप के 3 मोबाइल नंबर थे और वे पिछले साल 17 अक्टूबर से इस साल के 3 मार्च तक इन नंबरों के जरिए संपर्क में थे।
इसमें कहा गया, “कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) विश्लेषण से पता चला है कि संदीप और पीड़िता संपर्क में थे। उनके बीच पिछले साल 17 अक्टूबर से इस साल 3 मार्च के दौरान 105 कॉल हुई हैं।”
सीबीआई ने कहा कि संदीप ने पीड़िता के परिवार को 39 कॉल किए और पीड़िता के परिवार ने संदीप को 66 कॉल किए। सीबीआई ने कहा, “हालांकि, पीड़िता के परिवार के सभी सदस्यों ने पूछताछ में इनकार किया कि उन्होंने न तो संदीप को कॉल किया और ना आरोपी से मिले।”
सीबीआई ने यह भी दावा किया कि गवाहों ने जांच एजेंसी को बताया है कि पीड़िता के परिवार को उनके रिश्ते के बारे में पता चल गया था और उनका संदीप के घर के बाहर झगड़ा भी हुआ था। लड़ाई के बाद संदीप और पीड़िता ने फोन पर बात करना बंद कर दिया था।
सीबीआई ने कहा, “मार्च तक दोनों के रिश्ते ठीक थे। बाद में पीड़िता के परिवार और संदीप के बीच कोई संपर्क नहीं हुआ, इससे लगता है कि उनका रिश्ता बिगड़ गया था। बाद में संदीप के दोस्त भूदेव से पूछताछ में पता चला कि उसने पीड़िता के नंबर पर 4 बार कॉल किया और उन दोनों को मिलवाने की कोशिश की। लेकिन पीड़िता उनसे बच रही थी। उसके व्यवहार में आए इसी बदलाव से संदीप निराश हो गया। उसे संदेह था कि लड़की का उसकी बहन के पति या उसके भाई के साथ संबंध हैं।”
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा कि उनके संबंधों में इस बदलाव ने स्थिति को आक्रामक कर दिया। गौरतलब है कि इस साल 14 सितंबर को हाथरस में ऊंची-जाति के 4 पुरुषों ने दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया था और बेरहमी से पिटाई की थी। इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लड़की की मौत हो गई।
पुलिस द्वारा मामले को पहले नजरअंदाज किए जाने और फिर लड़की की मौत के बाद परिवार की मंजूरी लिए बिना रात में उसका दाह संस्कार कर दिए जाने से पूरे देश में गुस्सा फैल गया था।