हाथरस। दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म तथा बर्बरता के बाद मौत के मामले की जांच कर रही देश की शीर्ष एजेंसी सीबीआइ ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। हाथरस में लगातार 19 दिन से डटी सीबीआइ की टीम ने पीड़ित के साथ आरोपित पक्ष के बाद अब चंदपा थाना क्षेत्र में घटनास्थल बूलगढ़ी के पास के भी गांव के लोगों से पूछताछ शुरू कर दी है।
सीबीआइ की टीम गुरुवार को एक बार फिर बूलगढ़ी गांव पहुंची और 14 सितंबर को यहां घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने वाले छोटू से घर का रुख किया। गुरुवार दोपहर को टीम गांव में छोटू के घर पर पहुंची और स्वजन से जानकारी की। करीब एक घंटा छोटू और उसके परिवार के लोगों से पड़ताल के बाद सीबीआइ टीम बूलगढ़ी के पास के गांव में पहुंची। यहां पर टीम चारों आरोपितों के संपर्क में रहे लोगों को चिह्नति कर जानकारी कर रही हैं।
छोटू ने मीडिया के सामने आकर दावा किया था कि 14 सितंबर को जब घटना हुई तो युवती की चीख सुनकर वह ही सबसे पहले पहुंचा था। युवती जमीन पर पड़ी थी, उसकी मां व भाई पास खड़े थे। ऐसे में वह दौड़कर निकट खेत में मौजूद नाबालिग आरोपित की मां को घटना की जानकारी दी।
वह लौटकर आया तो पीड़िता का भाई जा चुका था। पीड़िता की मां के कहने पर ही वह उसके भाई को घर से बुलाकर लाया था। छोटू से सीबीआइ कई बार पूछताछ कर चुकी है। उसका दावा घटनाक्रम के लिए अहम साबित हो सकता है।
आरोपितों के जानकारों से भी पूछताछ
जांच अधिकारी डीएसपी सीमा पाहूजा के निर्देशन पर टीम जांच में जुटी है। टीम ने घटनास्थल, मृतका अंत्येष्टि स्थल पर भी जाकर कई बार छानबीन की है। मिट्टी के भी नमूने लिए गए हैं। इसके अलावा मृतका और आरोपितों के स्वजन से कई बार बातचीत कर चुकी है। अलीगढ़ जेल और मेडिकल जाकर भी छानबीन की गई है।
बूलगढ़ी के ग्रामीणों, मृतका के पड़ोसियों से भी जानकारी कर चुकी है। अब टीम बूलगढ़ी के आसपास के गांवों के लोगों को भी बुलाकर पूछताछ कर रही है। चंदपा के आधा दर्जन लोगों से टीम ने पूछताछ की है। इनमें कुछ लोगों के आरोपित संदीप के खेत के पास में खेत है। टेंपो चालक, बैंक मैनेजर समेत अन्य लोगों से टीम ने बातचीत की है। आरोपित रामू के साथ चिलिंग प्लांट पर काम करने वाले अन्य लोगों को भी चिह्नित कर टीम पूछताछ में लगी हुई है।
बूलगढ़ी की युवती की 29 सितंबर को हुई मौत के बाद देशभर में बवाल मचा था। उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले इसकी जांच के लिए एसआइटी का गठन किया। इसके बाद तीन अक्टूबर को सरकार ने सीबीआइ जांच की सिफारिश की। उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिश के आठ दिन बाद सीबीआइ ने 11 अक्टूबर को गाजियाबाद में मुकदमा दर्ज किया। इसी दिन शाम को टीम हाथरस पहुंच गई थी। तभी से सीबीआइ हर पहलू पर पड़ताल कर रही है।