कोलकाता। कोरोनावायरस से बचाव के लिए किया गया लॉकडाउन पश्चिम बंगाल में और अधिक बढ़ सकता है। कम से कम जून महीने के पहले सप्ताह तक इसके जारी रहने की संभावना है। राज्य सरकार के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है।
दरअसल एक दिन पहले यानी सोमवार को ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लंबी बैठक हुई है। इसमें बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुई थीं। बंगाल के लिए स्पेशल राहत पैकेज और संकट के समय राजनीति नहीं करने की मांग करने के साथ-साथ उन्होंने एक और मांग की थी जो लॉकडाउन बढ़ाने के संबंध में है। पीएम और सीएम के बीच क्या कुछ वार्ता होती है, इस बारे में राज्य अथवा केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा बहुत कम खुलासा किया जाता है।
सूत्रों ने बताया है कि प्रधानमंत्री संग बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, तेलंगाना के चंद्रशेखर राव, बिहार के नीतीश कुमार और राजस्थान के अशोक गहलोत के साथ साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की। इसे और कम से कम 15 दिन तक बढ़ाए जाने की मांग दोहराई गई है। इससे पश्चिम बंगाल के लोग चिंता में पड़े हुए हैं। वैसे बंगाल देश के उन चुनिंदा राज्यों में से एक है जहां तेजी से कोरोना संक्रमण के आंकड़े बढ़ रहे हैं। फिलहाल यहां पर पीड़ित लोगों की संख्या 2000 के पार कर गई है।
हर दिन 100 से अधिक लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं और मरने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। इसलिए पश्चिम बंगाल में कोरोना के हालात चिंताजनक हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही राज्य वासियों को इशारे इशारे में बता दिया था कि जून महीने तक खतरा टलने की संभावना नहीं है। इसलिए लोग सावधानी से रहें। अमूमन प्रधानमंत्री संग बैठक के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मीडिया से मुखातिब होती है लेकिन सोमवार को ऐसा नहीं हुआ देर रात तक सीएम ने इस बारे में कोई ट्वीट भी नहीं किया। इसलिए राज्य वासी संशय में पड़े हुए हैं। वैसे भी मुख्यमंत्री ने करीब 10 दिनों से मीडिया से बात नहीं की हैं और लोगों के सामने आने से बचती रही हैं।