​चीन ने डोकलाम में तैनात किये 4 परमाणु बॉम्‍बर

– झाम्फिरी रिज तक सड़क निर्माण सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए खतरा
– भारत के शीर्ष अधिकारियों ने डोकलाम के हालातों पर किया मंथन
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नई दिल्ली। डोकलाम में पिछले 6 महीने में एक बार फिर भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव की स्थिति बनी है। चीन की सेना यहां भूटान की सीमा में झाम्फिरी रिज तक सड़क निर्माण कर रही है। चीन की इस गुस्ताखी ने सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए खतरा पैदा कर दिया है। इतना ही नहीं चीन ने डोकलाम के पास 4 परमाणु बॉम्‍बर एच-6 तैनात किये हैं। इसके अलावा चीन ने क्रूज म‍िसाइलें भी तैनात की हैं। हाल के दिनों में किये गए पीएलए के निर्माण कार्यों पर भारत के शीर्ष अधिकारियों ने डोकलाम और उसके आसपास की स्थिति पर भी चर्चा की है।​

सेटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन ने डोकलाम के पास अपने गोलमुड एयरबेस पर पांच एच-6 परमाणु बॉम्‍बर और क्रूज मिसाइल तैनात की हैं। चीन का यह एयरबेस भारतीय सीमा से मात्र 1150 किलोमीटर दूर है। ओपन सोर्स इंटेलिजेंस एनॉलिस्ट @detresfa_ की ओर से जारी सेटलाइट तस्‍वीर में 4 परमाणु बॉम्‍बर एच-6 के साथ केडी-63 लैंड अटैक क्रूज मिसाइल भी नजर आ रही है।

इस मिसाइल की मारक क्षमता करीब 200 किलोमीटर है। इसके अलावा एयरबेस पर शियान वाई-20 मालवाहक सैन्‍य विमान भी नजर आ रहा है। परमाणु हमला करने में सक्षम इन बॉम्‍बर के पिछले संस्करण की मिसाइल क्षमता सीमित थी लेकिन इसे अपग्रेड करके उन्नत बनाया गया है।

डोकलाम में ही भारत और चीन के बीच 2017 में विवाद हुआ था और 73 दिनों तक दोनों सेनाएं आमने-सामने रही थीं लेकिन बाद में चीन के सैनिकों को पीछे हटना पड़ा था। डोकलाम एक ट्राई जंक्शन है जहां भारत, चीन और भूटान की सीमा मिलती है। यह सामरिक रूप से अहम है क्योंकि अगर चीन इस इलाके में आगे आता है तो भारत के पूर्वी इलाके के लिए दिक्कत हो सकती है।

चीन ने विवादित स्थल को छोड़ दूसरे रास्ते से दक्षिण डोकलाम तक पहुंचने के लिए 1.3 किलोमीटर लंबी नई सड़क बना ली है। इस रोड के जरिए चीनी सैनिक दक्षिण डोकलाम में स्थित जम्फेरी रिज तक पहुंच सकते हैं। इसके बाद दो और सड़कों का निर्माण किया है। चीन के नए निर्माणों से 2017 के बाद डोकलाम में पिछले 6 महीने में एक बार फिर भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति बनी है।

खुफिया सूत्रों के मुताबिक चीन सिंच ला से करीब 1 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व की तरफ एक बहुमंजिला इमारत भी बना रहा है। एक पैदल चलने वाले रास्ते को भी अपग्रेड करके करीब 13 इलेक्ट्रिक पोल भी लगाये हैं। वैश्विक खुफिया निगरानी संस्‍था स्‍टार्टफोर की इस रिपोर्ट में सेटलाइट तस्‍वीरों के हवाले से कहा गया है कि सैन्‍य ठिकानों की यह तैयारी पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीन के अपने सीमाई इलाकों पर नियंत्रण हासिल करने के लिए बड़े पैमाने पर किए जा रहे प्रयास का हिस्‍सा है।

हाल ही में रक्षा मंत्री की अगुवाई में एक बैठक हुई जिसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर, सीडीएस बिपिन रावत, एनएसए अजित डोभाल के अलावा कई अन्य बड़े अधिकारी और मंत्री भी शामिल हुए। इस बैठक में डोकलाम और लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक एलएसी के मौजूदा हालात और आने वाली तैयारियों पर मंथन किया है।

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