नई दिल्ली। अंडमान निकोबार द्वीप समूह में चल रहे युद्धाभ्यास के बीच वायुसेना ने भी हार्पून एंटी शिप मिसाइल से लैस लगभग 10 जगुआर लड़ाकू विमानों की तैनाती कर दी है। भारतीय नौसेना ने चीन को समुद्री इलाके में घेरने का संदेेश देने के लिए अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह मेें एक ड्रिल शुुरू कर रखी है। इसी बीच अमेरिका का जंगी जहाज निमित्ज भी यहां आकर भारत के युद्धाभ्यास में शामिल हो गया है।
भारत-अमेरिका के संयुक्त नौसेना युद्धाभ्यास के बीच भारतीय वायुसेना ने अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में हार्पून एंटी शिप मिसाइल से लैस लगभग 10 जगुआर लड़ाकू विमानों की तैनाती कर दी है। यह सभी द्वीप पर पहुंचकर इस युद्धाभ्यास का हिस्सा बन चुके हैं। जगुआर लड़ाकू विमान को भारतीय वायुसेना में शमशेर नाम से जाना जाता है। इस विमान की खासियत है कि ये दुश्मन के इलाके अंदर घुसकर किसी भी जगह हमला कर सकता है।
वर्तमान में भारतीय वायु सेना के पास 139 जगुआर लड़ाकू विमान मौजूद हैं। अंडमान-निकोबार द्वीप में जगुआर के आधे दस्ते को तैनात किया गया है। हार्पून एंटी शिप मिसाइल से लैस जगुआर विमान मलक्का स्ट्रेट के पास तैैनात रहकर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलएएन) के किसी भी प्रयासों को बेअसर करने में बेहद प्रभावी होंंगे।
भारतीय नौसेना ने यूएस नेवी के साथ इस युद्धाभ्यास को पासेक्स यानी पासिंग एक्सरसाइज नाम दिया है। पूर्वी लद्दाख की सीमा एलएसी पर चीन के साथ चल रहे सैन्य टकराव के बीच भारतीय नौसेना यहां कई दिन पहले से अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में युद्धाभ्यास कर रही है। चीन के साथ भारत के जारी तनाव के बीच अमेरिका ने भी साउथ चाइना सी से लेकर हिन्द महासागर तक अपनी गश्त बढ़ा दी है।
इस बीच अमेरिकी जंगी जहाज निमित्ज भी यहां आकर सोमवार से भारत के युद्धाभ्यास में शामिल हो गया है। अमेरिकी जहाज निमित्ज सीवीएन68 के साथ भारतीय नौसेना के फ्रिगेट शहयादर एफ-49 और शिशालिक एफ-47, अमेरिकी हेलीकॉप्टर एमएच-60R हेलीकॉप्टर के साथ शिवालिक और अमेरिकी विध्वंसक राल्फ जॉनसन युद्धाभ्यास कर रहे हैंं। इसके अलावा निमित्ज कैरियर स्ट्राइक ग्रुप हिन्द महासागर क्षेत्र में गश्त कर रहा हैै।
भारतीय नौसेना ने जब यह युद्धाभ्यास शुरू किया था तब पहले से ही दो अमेरिकी सुपर एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज और रोनाल्ड रीगन दक्षिण चीन सागर में युद्धाभ्यास करके चीन को हिन्द महासागर में घेरने का संदेश दे रहे थे। भारतीय नौसेना की ड्रिल शुरू होने के बाद अमेरिकी युद्धपोतों ने साउथ चाइना सी में युद्धाभ्यास खत्म कर दिया। यूएसएस रोनाल्ड रीगन तो लौट गया लेकिन अमेरिकी नेवी के सातवें बेड़े में शामिल एयरक्राफ्ट कैरियर यूएसएस निमित्ज 18 जुलाई को मलक्का स्ट्रेट से गुजरते हुए देखा गया था, जो रविवार की शाम को अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के पास पहुंच गया।
अब भारत के साथ युद्धाभ्यास करने के साथ ही अंडमान के पास ही यूएसएस निमित्ज हिन्द महासागर में गश्त लगाएगा। इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर 90 लड़ाकू विमान और हेलिकॉप्टर्स के अलावा 3000 के आसपास अमेरिकी नौसैनिक तैनात हैं।
भारत और अमेरिकी नौसेना का यह संयुक्त युद्धाभ्यास इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अंडमान और निकोबार के इन्हीं रास्तों मलक्का स्ट्रेट से चीन का अहम व्यापार होता है। अंडमान-निकोबार द्वीप समूहों के पास ड्रिल कर रहे भारतीय युद्धपोतों में विध्वंसक, पेट्रोलिंग एयरक्राफ्ट और पनडुब्बी शामिल हैं। कई युद्धपोतोंं को मलक्का स्ट्रेक के पास तैनात किया गया है, जहां से चीन के व्यापारिक जहाज गुजरते हैंं।
दरअसल हिन्द महासागर और प्रशांत महासागर के बीच 2.8 किमी. का एक संकरा गलियारा है जहां से एक दिन में सैकड़ों जहाज गुजरते हैं, जिसमें चीन के भी व्यापारिक जहाज होते हैं। इसीलिए यहां युद्धाभ्यास करके भारत और अमेरिका संयुक्त रूप से चीन को हिन्द महासागर में घेरने का संदेश दे रहे हैं।