भारतीय स्थापत्य कला के अद्भुत नमूने देखने का मन है, तो खजुराहो घूमने का प्लैन बना सकते हैं। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित यह दर्शनीय स्थल सुंदर मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। दुनिया भर के पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र इस टूरिस्ट प्लेस की यात्रा के दौरान पन्ना टाइगर रिजर्व जैसी लोकप्रिय जगहें भी एक्सप्लोर की जा सकती हैं।
पश्चिमी मंदिर समूह
खजुराहो में कई मंदिर हैं, जिनमें पश्चिमी समूह के 6 मंदिर एक साथ देखे जा सकते हैं। अंदर दाखिल होने के लिए 40 रुपए का टिकट लगता है। वहां जाते ही ऐसा लगता है मानो आप किसी और ही काल में प्रवेश कर गए हैं। मंदिरों की बनावट, उनमें लगी प्रतिमाएं और बाहरी दीवारों पर पत्थरों को काटकर उकेरी गई मूर्तियां…एक गहन सम्मोहन में बांध लेती हैं।
पूरी तरह ग्रेनाइट से बना चौसठ योगिनी मंदिर देवी काली को समर्पित है। यहां स्थित सभी मंदिरों में सबसे विशाल है कंदरिया महादेव का मंदिर, जिसकी ऊंचाई 109 फीट है। इसके साथ ही लक्ष्मण जी, चित्रगुप्त जी, मां जंगदंबा और बाबा विश्वनाथ मंदिर हैं, जो अपने गौरवशाली इतिहास का गाथा कहते हैं।
रनेह वॉटरफॉल में प्रवेश करने के लिए 50 रुपए की एंट्री फीस और 75 रुपए गाइड का मानदेय देना पड़ता है। केन नदी पर बने इस जलप्रपात की गर्जना काफी दूर से ही सुनाई देती है। बरसात के बाद यह झरना इतना विकराल रूप धर लेता है कि बयां करना मुश्किल है। यहां कई व्यू प्वॉइंट हैं, जहां से झरने का अलग-अलग नजारा मिलता है। यहां से तकरीबन 43 किलोमीटर दूर पन्ना टाइगर रिजर्व है।
पन्ना भारत का बाइसवां टाइगर रिजर्व है। 2007 में बेस्ट मेनटेंड नेशनल पार्क के अवॉर्ड से नवाजे गए इस पार्क में घूमने के लिए सफारी गाडियों की व्यवस्था है, जिसके लिए 400 रुपए प्रति व्यक्ति शुल्क देना पड़ता है। पन्ना बाघ, तेंदुआ, भालू, नीलगाय, हिरन के अलावा 200 किस्म के पक्षियों का भी घर है।
कब जाएं
खजुराहो जाने के लिए बरसात औऱ सर्दियों का मौसम सबसे उपयुक्त होता है क्योंकि इस दौरान नेशनल पार्क में जानवरों के दिखने की संभावना ज्यादा होती है।खजुराहो रेल, सड़क और वायु मार्ग तीनों से पहुंचा जा सकता है। खजुराहो रेलवे स्टेशन से कई बड़े शहरों के लिे ट्रेन जाती है। इसके अलावा छतरपुर और महोबा के रास्ते भी यात्रा की जा सकती है। खजुराहो शहर से तकरीबन पांच किलोमीटर की दूरी पर एयरपोर्ट है। साथ ही यह सड़क मार्ग द्वारा भी कई शहरों से जुड़ा है।