लखनऊ। आगामी विधानसभा चुनाव में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अभी से तैयारियों में जुट गये हैं। इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी बड़े दलों की नजर छोटे दलों पर टिकी हुई है।
इस बीच समाजवादी पार्टी ने भी इस बार बड़े दलों के साथ गठबंधन को लेकर चुनाव न लड़कर छोटे दलों के साथ गठबंधन करने की बात कही है। इस बात की जानकारी खुद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने की है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बताया कि बड़ी पार्टियों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने को लेकर हमारा अनुभव काफी बुरा रहा है। इस वजह से हम इस बार छोटे दलों के साथ गठबंधन करेंगे। हाल में ही सपा ने महान दल के साथ हाथ मिलाया है और उपचुनाव में राष्ट्रीय लोकदल के लिए एक सीट छोड़ी थी। इससे इस बात के संकेत है कि आगे भी वह अजित सिंह के साथ तालमेल कर सकते हैं।
इसके अलावा पिछले लोकसभा चुनाव में जनवादी पार्टी के संजय चौहान, सपा के चुनाव निशान पर चंदौली से चुनाव लड़े थे लेकिन वो चुनाव हार गये । इसके बाद से ही वो अखिलेश यादव के साथ सक्रिय हैं। यही नहीं अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव की सीट पर 2022 में प्रत्याशी न उतारने की बात कह कर अखिलेश ने ये साफ कर दिया है कि उन्हें भी कही न कहीं अडजस्ट किया जा सकता है।
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव, कांग्रेस के साथ समझौता कर चुनाव मैदान में उतरे थे लेकिन वापसी नहीं कर पाए और सत्ता गंवा दी।इसके बाद 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में अखिलेश ने मायावती के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा, लेकिन सपा को बहुत लाभ नहीं मिला।
लोकसभा चुनाव में सपा सिर्फ पांच सीटों पर ही रह गई, लेकिन 2014 में एक भी सीट न जीतने वाली बसपा को 2019 में 10 सीटें जरूर मिल गईं। यही वजह है कि अखिलेश अब बड़े दलों के छोडकर छोटे दलों के साथ चुनाव लड़ने के फॉर्मूले पर चल रहे हैं।