लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में लोगों की जान की कोई कीमत नहीं है। उन्होंने कहा कि 70 लाख नौकरियों का वादा सिर्फ झांसा रहा। 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण न देकर पिछड़ों, दलितों का रोजगार छीन लिया गया है। इसलिए समाज का हर वर्ग भाजपा सरकार को हटा कर अब समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने का मन बना चुका है।
अखिलेश ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि लापरवाही की वजह से स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बदतर होती जा रही है। कोरोना संक्रमण से हुई मौतों का कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। कोरोना महामारी से बचाव के लिए बतौर रक्षा कवच प्रचारित टीकाकरण अभियान सुस्त पड़ गया है। टीके की कमी से कई टीकाकरण केंद्र बंद हो गए हैं।
तमाम केंद्रों से लोग मायूस होकर लौट रहे हैं। अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था चरमराई हुई है। एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी हड़ताल पर हैं, मरीजों की जान खतरे में है। जनता की जिंदगी भगवान भरोसे चल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की तानाशाही से कर्मचारी वर्ग बुरी तरह असंतुष्ट है।
उन्होंने कहा कि एंबुलेंस सेवा के पुराने कर्मचारियों की छंटनी कर नई भर्ती करने और अपनी शर्तों पर काम चलाने का दबाव पुराने कर्मचारियों को अमान्य है। इसीलिए वे हड़ताल पर चले गए हैं। सरकार उनकी मदद करने के बजाय उनको प्रताड़ित करने पर तुली है। पुराने कर्मचारियों का वेतन भी रोका जा रहा है।
इससे सैकड़ों परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। हड़ताल के कारण मरीजों की हालत गंभीर होती जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में संविदा कर्मियों का शोषण हो रहा है। कार्यदाता एजेंसिया उन्हें निर्धारित वेतन-मानदेय नहीं दे रही हैं। जल निगम कर्मियों और पर्यटन विभाग के कर्मियों का कई-कई महीनों का वेतन बकाया हैं।