लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार को चाचा शिवपाल यादव से मिलने उनके घर पहुंचे। दोनों ने 45 मिनट तक साथ वक्त गुजारा। अचानक हुई इस मुलाकात पर सभी की नजरें टिक गईं। मुलाकात खत्म हुई तो अखिलेश ने चाचा के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया।
शिवपाल के घर से निकलने के बाद अखिलेश ने सोशल मीडिया पर लिखा कि प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाकात हुई और गठबंधन की बात तय हुई। क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है।
6 साल बाद घर में मिले चाचा-भतीजा
2017 चुनाव से पहले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच मनमुटाव हो गया था। जिसके बाद दोनों में दूरियां बढ़ती चली गई। करीब 6 साल बाद फिर से शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच मुलाकात उनके घर पर हुई है।
60 से 70 सीटों पर शिवपाल का असर
शिवपाल यादव पश्चिम, अवध और बुंदेलखंड के करीब 10 जिलों की 60 से 70 सीटों पर असर रखते हैं। इसके पीछे की वजह है कि उनका अभी भी सहकारी समितियों पर कब्जा है। साथ ही वह अपने कोर वोट बैंक यादव को भी सहेज कर चल रहे हैं। उनकी पकड़ यूपी के 9% यादव वोट बैंक पर है।
2017 में सपा को मिले थे 22% वोट, 2019 में शिवपाल को मिले सिर्फ 0.3% वोट
चुनावी आंकड़ों के नजरिए से देखे तो शिवपाल यादव मैदान में कहीं भी नहीं टिकते हैं। सपा से अलग होकर 2018 में लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न पर उतरे शिवपाल यादव ने यूपी की 47 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। खुद फिरोजाबाद से चुनाव लड़े।
इस लड़ाई में रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव हार गए और भाजपा के कैंडिडेट जीत गए। लोकसभा चुनावों में शिवपाल यादव की पार्टी को सिर्फ 0.3% वोट मिले। हालांकि, ज्यादातर जगहों पर शिवपाल ने सपा को नुकसान पहुंचाया। 2017 में जसवंतनगर विधानसभा सीट से जीते शिवपाल यादव को 63% से ज्यादा वोट मिले थे। सपा 2017 में 311 सीट पर चुनाव लड़ी थी। तब उसे 22% वोट मिले थे।
पार्टी कार्यालय में शिवपाल ने की थी बड़ी बैठक
गुरुवार सुबह 11 बजे शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी की बैठक बुलाई थी। पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद शिवपाल यादव ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के पास अपना संदेश पहुंचाया। इसके बाद वह मुलाकात करने उनके घर पहुंचे। माना जा रहा है कि शिवपाल यादव ने निर्णय ले लिया है कि वह अखिलेश यादव के साथ जाएंगे, बस इसका अधिकारिक ऐलान होना बाकी था, जो इस मुलाकात के बाद हो गया।
शिवपाल अखिलेश संग चुनाव लड़ने की कर चुके हैं पेशकश
यूपी विधानसभा के पिछले चुनाव के समय से ही अखिलेश और शिवपाल के रिश्तों में आई तल्खी का दौर जारी था। हालांकि शिवपाल ने आगामी विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज होने पर पांच साल पुरानी तल्खी को दूर करने की शुरुआती पहल करते हुए अखिलेश से गठबंधन कर चुनाव लड़ने की पेशकश की थी। उन्होंने सपा में प्रसपा के विलय का विकल्प भी खुला रखते हुये कहा था कि अखिलेश को ही आगे की रणनीति के लिये कोई पहल करनी होगी।
पिछले कुछ समय से अखिलेश भी शिवपाल की पहल पर सकारात्मक टिप्पणी करते हुये समय आने पर उनसे बात करने की बात कह रहे थे। गौरतलब है कि 2017 में विधानसभा से पहले अखिलेश द्वारा सपा से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद शिवपाल ने प्रसपा का गठन कर चुनाव लड़ा था। इसका सीधा असर सपा के परांपरागत वोटबैंक में बंटवारे के रूप में पड़ा था।