रायबरेली। पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव द्वारा अजान को लेकर की गई आपत्ति पर बड़ा हमला बोला है। अखिलेश यादव कौशांबी से लौटते समय रायबरेली में पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज कुमार पाण्डेय के घर पर रुके थे। अखिलेश ने कहा कि अपनी नियुक्ति के समय ही उन्होंने यह समझौता किया होगा कि बाद में इस तरह के मामलों में वह अपनी आवाज जरूर उठाएंगी।
यहां मीडिया कर्मियों से बातचीत में अखिलेश ने यह बातें कहीं। अखिलेश ने कहा कि, किसी यूनिवर्सिटी की महिला वाइस चांसलर में ऐसी भावना नहीं आ सकती। वो उसी शहर की रहने वाली हैं। कोई पहली बार उन्होंने अजान नहीं सुनी होगी। ये कहीं न कहीं सोच समझकर दिया गया बयान है। जाहिर सी बात है कि नियुक्ति ही इसलिए मिली होगी कि VC बनने के बाद ऐसी बातें जरूर उठाएं। अप्वाइंटमेंट में जो वादा किया था वो वादा पूरा कर रही हैं वाइस चांसलर।
VC की नियुक्तियों में भी हो रहा भेदभाव
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में, देश में कितने पिछड़े वाइस चांसलर अप्वाइंट हुए। कितने दलित वाइस चांसलर अप्वाइंट हुए और कितने मुस्लिम वाइस चांसलर अप्वाइंट हुए ये बता दे सरकार। उन्होंने कहा, ये तमाम वो पढ़े-लिखे बुद्धजीवि लोग हैं जो महंगाई पर बात नहीं करना चाहते हैं। दुनिया में हमारे देश का सम्मान कितना गिर गया है।
जब बैंक ही डूबने लगें तो देश का भविष्य क्या होगा
वहीं अखिलेश ने कहा कि जिस देश में किसान बर्बाद हो जाए, नौजवान को नौकरी नहीं है, बैंक डूबने लगे तो देश का भविष्य क्या होगा? अखिलेश ने सवाल करते हुए कहा, कहां फिक्स डिपाजिट 8 पर्सेंट मिलता था आज 4 और साढ़े चार पर्सेंट मिल रहा। ये चार पर्सेंट कहां चला गया?
कहा कि नोटबंदी में सपना दिखाया फिर भी बैंक डूब गई। काला धन आया नहीं, जिस समय नोटबंदी हुई थी उस समय से ज्यादा पैसा बाजार में है उसके बाद भी उसके बाद भी किसी के जेब पैसा नहीं है। आखिर पैसा कहां चला गया?