नई दिल्ली। अडानी-हिंडनबर्ग विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होने वाली है। इससे पहले कोर्ट ने सेबी को अडानी समूह पर शेयरों की कीमत में हेरफेर के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया था। इससे पहले 8 मई को सुप्रीम कोर्ट की ओर गठित एक्सपर्ट पैनल ने सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट सौंपी थी।
क्या है मामला?
गौरतलब है कि 24 जनवरी को अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी, स्टॉक की हेरफेर का आरोप लगाया था। हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को सीधे तौर पर खारिज कर दिया था। इसके बाद 29 अप्रैल को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) अडानी ग्रुप के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए छह महीने के विस्तार की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
इसके बाद कोर्ट ने समिति और सेबी से 2 महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा था। इस रिपोर्ट की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी।
सेबी ने मांगा था अतिरक्त समय
सेबी ने 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी बात रखते हुए जांच को पूरा करने के लिए 6 महीने और वक्त लेने की मांग की है। वहीं, सेबी की ओर से मोहलत मांगने के विरोध में याचिका भी दाखिल की गई। सेबी की याचिका के खिलाफ में कहा गया था कि जांच के लिए अतिरिक्त समय देने से कंपनी महत्वपूर्ण आकड़ों और फैक्ट्स के साथ छेड़छाड़ हो सकती है।