कैमूर। बिहार-UP के बॉर्डर वाले इलाकों के वैक्सीनेशन सेंटरों पर स्वास्थ्यकर्मी उलझन में हैं। कुछ लोग कोरोना वैक्सीन लेने UP से बिहार आ रहे हैं। ऐसे में हेल्थवर्कर्स को कुछ टेक्निकल दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही कहीं-कहीं साफ आदेश है कि सिर्फ बिहार के लोगों को ही टीका लगाया जाए।
इस समस्या की जानकारी मिलने के बाद बॉर्डर के करीब 180 किमी के इलाके में स्थित वैक्सीनेशन सेंटर्स का जायजा लिया। भास्कर की टीम पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, बक्सर और कैमूर के 6 इलाकों में गई। इन इलाकों में सेंटर्स पर अलग-अलग स्थितियां है। कहीं जानकारी नहीं होने की वजह से यूपी के लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। तो कहीं साफ लिखा है कि यहां सिर्फ बिहार के लोगों को टीका लगाया जाता है।
पश्चिमी चम्पारण के बेतिया में भितहा प्रखंड के वैक्सीनेशन सेंटर पर साफ लिखा है कि यहां सिर्फ बिहार के नागरिकों के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। भितहां UP से बिल्कुल सटा हुआ है। पहले जब टीकाकरण शुरू हुआ था, तो UP के लोग भी यहां आकर टीका लगवाते थे। उस समय बिहार और UP को केंद्र सरकार ने मुफ्त में वैक्सीन उपलब्ध कराई थी। अब दोनों राज्यों को वैक्सीन खरीदनी पड़ रही हैं। ऐसे में यहां साफ तौर पर सीमा विवाद है कि यूपी के लोगों को बिहार में टीका नहीं दिया जाए।
बेतिया के ठकराहा प्रखंड में भी हालात यही हैं। यहां UP के किसी भी नागरिक को वैक्सीन नहीं दी जा रही है। वैक्सीनेशन सेंटर के प्रबंधक जितेंद्र कुमार के मुताबिक आदेश है कि बाहर के राज्य वालों को टीका नहीं देना है। भले वो UP के हों, लेकिन उनको बिहार में रहने का प्रमाण पत्र दिखाना होगा। ऊपर से आदेश है कि केंद्रों पर सिर्फ बिहार के लोगों को ही वैक्सीन दी जाए। कमोबेश यही हाल गोपालगंज के कटेया और बिहार खुर्द इलाके में स्थित वैक्सीनेशन सेंटर्स पर भी दिखा।
अब बक्सर का हाल जानिए
बक्सर में चौसा प्रखंड के वैक्सीनेशन सेंटर पर UP के सीमावर्ती गहमर, बारे, दिलदारनगर और भदौरा गांव से लोग पहुंचते हैं। बताया गया कि UP में अभी ज्यादातर जिलों में 18 से 44 साल के लोगों का वैक्सीनेशन शुरू नहीं हुआ है। वहीं वेबसाइट पर चौसा वैक्सीनेशन सेंटर के लिए बुकिंग हो रही है। सेंटर के डेटा ऑपरेटर नितिन कुमार राय ने बताया कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर यूपी के लोग भी काफी संख्या में चौसा पहुंच रहे हैं। लेकिन ऊपर से आदेश है कि यूपी के लोगों का वैक्सीनेशन नहीं करना है।
यहां से पिछले दिनों UP के कई युवकों को वापस लौटाया गया है। इस वजह से बीते सोमवार को लोगों की हेल्थवर्कर्स के साथ झड़प हो गई। इस वजह से एक घंटे तक काम बंद रहा। चौसा PHC प्रभारी डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि 18+ उम्र के लोगों को वैक्सीनेशन के दौरान यहां का निवासी होने का प्रमाण पत्र देना होगा। अगर उनके पास यहां का आधार कार्ड नहीं है तो राशन कार्ड, जॉब कार्ड या बैंक पासबुक दे सकते हैं। अगर इनमें से कुछ नहीं है तो BDO या मुखिया से लिखवाकर भी दे सकते हैं। यह वैक्सीन बिहार सरकार द्वारा खरीदी गई है। मुख्यमंत्री का आदेश है कि वैक्सीनेशन बिहार के लोगों का ही हो।
कैमूर में UP के लोग भी वैक्सीन ले रहे
बिहार-UP से सटे कैमूर के दुर्गावती PHC पर UP के लोग भी वैक्सीन ले रहे हैं। वजह यह है कि वैक्सीनेशन रजिस्ट्रेशन के ऐप में नजदीक का वैक्सीनेशन सेंटर बताकर यहां स्लॉट दे दिया जाता है। ऐसे में मजबूरी हो जाती है कि UP के लोगों को भी यहां वैक्सीन दी जाए।
इस बारे में चिकित्सा अधिकारी डॉ शांति कुमार मांझी ने बताया कि 18+ वालों के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होता है और जितनी भी संख्या में स्लॉट होता है, उसके मुताबिक वैक्सीन लगाई जाती हैं। उनका कहना है कि बिहार के लोग भी कहीं जाकर वैक्सीन ले सकते हैं या फिर UP के लोग यहां आकर वैक्सीन ले सकते हैं। इसके लिए कोई पाबंदी नहीं है।