नई दिल्ली। केंद्र सरकार एक नई योजना ला रही है, जिसके तहत सभी फार्मास्युटिकल उत्पादों को क्यूआर कोड (QR Code) के जरिए बेचा जाएगा। इससे नकली दवा और नकली फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट की बिक्री बंद हो जाएगी। इस सिलसिलें में केंद्र सरकार ने एक कमिटी गठित की है, जो जल्द ही एक क्यूआर कोड को लेकर एक अधिसूचना जारी कर सकती है। सरकार का कहना है कि इस क्यूआर कोड के जरिए यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि दवा कहां बनी है और क्या दवा के फॉर्मूले के साथ कोई छेड़छाड़ की गई है।
सरकार साल 2011 से ही इस सिस्टम को लागू करने की मेहनत कर रही थी लेकिन फार्मा कंपनियों के बार-बार मना करने की वजह से इस पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया। फार्मा कंपनियां इस बात को लेकर ज्यादा चिंतित थी कि वो अलग-अलग सरकारी विभाग अलग-अलग दिशा निर्देश जारी करेंगे।
कंपनियों की मांग थी कि देशभर में एक समान क्यूआर कोड लागू किया जाए, जिसके बाद साल 2019 में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने एक ड्राफ्ट तैयार नोटिफिकेशन जारी किया। इस नोटिफिकेशन के तहत एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रिडेएंट्स (API) के लिए क्यूआर कोड जरूरी कर दिया गया।
केंद्र सरकार की ओर इस नीति पर काम शुरू हो चुका है, पिछले ही हफ्ते प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय, नीति आयोग और फार्मास्युटिकल विभाग के प्रतिनिधियों ने बैठक की। बैठक के बाद स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में कमिटी बनाई गई, जो 21 दिन में अपनी रिपोर्ट केंद्र को सौपेंगी।