नई दिल्ली. ईरान में महसा अमीनी की पुलिस कस्टडी में हत्या और 10 महीने लंबे विरोध-प्रदर्शनों के बाद ऐसा लग रहा था कि अब हालात बदल जाएंगे. महिलाओं को मजबूरन हिजाब नहीं लगाना पड़ेगा लेकिन हुआ इसका ठीक उल्टा. जी हां, ईरान में मोरैल पुलिसिंग फिर शुरू हो गई है. इस बार नए अभियान के साथ मोरैलिटी पुलिस सड़कों पर उतरने वाली है. इसका मतलब है कि महिलाओं को आगे भी सख्त ड्रेस कोड का पालन करना होगा.
ईरान सरकार की तरफ से एक प्रवक्ता ने बताया कि हिजाब कानून को लागू करने के लिए मोरैलिटी पुलिस फिर सड़कों पर उतरेगी. तेहरान में महसा अमीनी को हिजाब नहीं लगाने की वजह से गिरफ्तार किया गया था. पिछले साल सितंबर में उसकी पुलिस कस्टडी में मौत हो गई. इसके बाद देशभर में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए. महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर हिजाब जलाए. बाल काटे. ईरानी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच महीनों संघर्ष चला. विरोध प्रदर्शनों में लगभग 600 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई.
बिना हिजाब घर से बाहर नहीं निकलेंगी महिलाएं
दिसंबर 2022 में एक खबर आई कि ईरान में मोरैल पुलिसिंग पर रोक लगाई जाएगी. हालांकि, ईरान सरकार ने इससे इनकार किया था. इस बीच सड़कों से मोरैलिटी पुलिस का नामो निशान मिट गया था. माना जा रहा था कि देश में अब हालात बदलेंगे. शरिया पर आधारित ईरानी कानून में यह प्रावधान है कि महिलाएं अपना सिर ढंकेंगी यानी हिजाब लगाएंगी और लंबे और ढीले कपड़े पहनेंगी. मोरैलिटी पुलिस सुनिश्चित करती है कि महिलाएं इसका पालन करें. महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे घर से बाहर हिजाब लगाकर ही निकलेंगी.
शरिया कानून के तहत होगी कार्रवाई
मोरैलिटी पुलिस नए अभियान के तहत भी वो ही काम करेगी, जो पहले से करती आई है. मसलन, पहले महिलाओं से ड्रेस कोड का पालन करने कहा जाएगा. अगर वे आदेश नहीं मानतीं तो उनपर शरिया आधारित कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी. पिछले साल 22 वर्षीय महसा अमीनी अपने परिवार के साथ तेहरान में घूमने निकली थीं, जब मोरैलिटी पुलिस ने उन्हें ठीक ढंग से हिजाब नहीं पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया. ‘सबक सिखाने’ के लिए उसे डिटेंशन सेंटर ले जाया गया, जहां बाद में उसकी मौत हो गई.
नहीं किया हिजाब का पालन तो काम पर लगेगा रोक
हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर कुछ वीडियोज सामने आए जिसमें देखा गया कि महिलाएं अब हिजाब कोड का पालन नहीं कर रही हैं. अब अगर महिलाएं पब्लिक प्लेस में बिना हिजाब के पाई गईं तो पुलिस उनके काम करने पर रोक लगा सकती है. विरोध-प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में महिलाओं के सामने आने के बावजूद यहां बड़ी संख्या उन लोगों की भी जो सख्त कानून का समर्थन करते हैं.