लंदन। काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से वहां अफरातफरी का माहौल है। हर दिन सैकड़ों लोग देश छोड़कर जा रहे हैं तो वहीं काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले की आशंका जतायी जा रही है। इस बीच सुरक्षा के खतरों के मद्देनजर अपने नागरिकों को अमेरिका और ब्रिटेन ने काबुल एयरपोर्ट की ओर ना जाने का चेतावनी दी है।
आतंकवादी हमले की आशंका के बीच दोनों देशों ने अपने नागरिकों को एयरपोर्ट की ओर ना जाने को कहा है। बुधवार को दोनों देशों ने अपने उन हजारों नागरिकों के लिए एक एलर्ट जारी किया जो काबुल एयरपोर्ट के बाहर और भीतर मौजूद हैं और अपनी देश वापसी के लिए उड़ान भरने का इंतजार कर रहे हैं।
ब्रिटेन ने भी खुफिया तंत्र से मिली जानकारी का हवाला देते हुए यह दावा किया है आतंकवादी काबुल हवाईअड्डे पर बड़ा हमला करने की योजना बना रहे हैं। ब्रिटिश आर्म्ड फोर्सेज मिनिस्टर जेम्स हेपी ने कहा, ‘हमें आतंकी हमले की बहुत ज्यादा पुख्ता जानकारी मिली है और इसलिए विदेश मंत्रालय ने देर रात अपने नागरिकों से काबुल एयरपोर्ट पर इकट्ठा न होने की अपील की है। उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाना चाहिए और अगले आदेश का इंतजार करना चाहिए।’ उन्होंने यह भी कहा कि खतरा बहुत बड़ा है और ब्रिटेन वहां मौजूद लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव कोशिश करेगा।
पिछले दस दिनों में काबुल से 82,000 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। 31 अगस्त तक ये देश अफगानिस्तान खाली करने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
अमेरिकी विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन के अनुसार तालिबान ने देश खाली करने की अवधि 31 अगस्त से अधिक बढ़ाने की मांग को खारिज कर दिया है लेकिन उसका कहना है कि 31 अगस्त के बाद भी विदेशी और अफगान नागरिक देश छोड़ सकेंगे।
अपने चेतावनी में अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि जो लोग एयरपोर्ट के ईस्ट और नॉर्थ गेट पर इंतजार कर रहे हैं वह ‘तुरंत अफगानिस्तान छोड़ दें।’ इससे पहले, ब्रिटेन ने इसी तरह का एलर्ट जारी करते हुए लोगों को “सुरक्षित स्थान पर जाने और आगे की सलाह का इंतजार करने” के लिए कहा था।
ब्रिटेन के विदेश कार्यालय का कहना है कि अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति ‘अस्थिर बनी हुई है’ और साथ ही कहा गया कि ‘यहां आतंकवादी हमले का निरंतर और बड़ा खतरा’ बना हुआ है।
सुरक्षा खतरे को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन दोनों ने कोई अन्य जानकारी नहीं दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को एक भाषण में कहा कि अमेरिका अपनी एयरलिफ्ट की प्रक्रिया जल्द पूरी कर लेगा क्योंकि अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट समूह का खतरा बढ़ता जा रहा है।
बीते 24 घंटों में अमेरिकी उड़ानों से लगभग 19,000 लोगों को सुरक्षित अफगानिस्तान से निकाला है। अमेरिकी विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को कहा,’हाल के दिनों में अराजकता के बढ़ते मंजर के बीच एयरलिफ्ट किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका अभी भी इस महीने के अंत तक काबुल हवाईअड्डे पर अपना परिचालन पूरा करने की राह पर है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सुरक्षा खतरों के मद्देनजर अपने नागरिकों से कहा है, ‘जो ऐबे गेट, ईस्ट गेट या नॉर्थ गेट पर मौजूद हैं वे तुरंत वहां से हट जाएं।’ इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने भी अफगानिस्तान में अपने नागरिकों को काबुल हवाईअड्डे न जाने की सलाह दी। ऑस्ट्रेलिया ने हवाईअड्डा परिसर में मौजूद अपने नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर जाने और अगले आदेश का इंतजार करने की सलाह दी है। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मारिसे पायने ने कहा कि यह ट्रैवल एडवाइजरी ब्रिटेन और न्यूजीलैंड की संशोधित यात्रा सलाह के समान है।