लॉस एंजेल्स। अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में सिख समुदाय लंगर में पिज़ा वितरित कर रहे हैं। इन दिनों सामाजिक दूरी बनाए रखने के कारण गुरुद्वारे बंद हैं और सिख युवा अस्पतालों, पुलिस स्टेशनों और फ़ायर ब्रिगेड के बाहर और गुरुद्वारों के बाहर ज़रूरत मंदों और बेघरों को पिज़ा वितरित कर रहे हैं। ऐसा ही एक लंगर डेटेराइट में देखने को मिला। इसमें तीन सौ ज़रूरतमंद लोगों पिज़ा वितरित किए गए।
‘सिख कुआएलेशन’ के एक वक्तव्य में कहा गया है कि युवा शैलेंद्र सिंह डेटेराइट सिख गुरुद्वारे में प्रति रविवार लंगर सेवा के लिए आता था। अब जब से कोरोना महामारी ने पंख फैलाए हैं, वह रविवार को डेटेराइट शहर के बाहर उपनगरों में पिज़ा बाँटने जाते हैं। 40 वर्षीय शैलेंद्र ने कहा कि यह समय कोरोना यौद्धाओं को समय पर पिज़ा वितरित किए जाने का है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने कोरोना यौद्धा डाक्टरों से बातचीत की।
डाक्टरों का कहना था कि चूँकि उन्हें बारह से सौलह घंटे काम करना होता है, इसलिए पिज़ा सेवन करना ज़्यादा उपयुक्त होगा। इस कार्य में फिर अनेक सिख परिवार जुड़ते गए। उन्होंने कहा कि अप्रैल से अभी तक लगातार आए रविवार को वह अस्पताल, पुलिस स्टेशन और फ़ायर ब्रिगेड पिज़ा बाँटने जाते हैं। अभी तक वह एक हज़ार पिज़ा बाँट चुके हैं।
न्यू यॉर्क में 25 वर्षीय जपनीत सिंह भी अस्पतालों में निम्न आय वर्ग के कोरोना यौद्धाओ को पिज़ा बाँटने हर रविवार को अस्पताल जाते हैं। वह यू एस सेंसस ब्यूरो में काम करते हैं और ख़ाली समय में उबर चलाता है। वह न्यू यॉर्क के भीड़ भरे ‘क्वींस’ में एल्महर्स्ट अस्पताल में निम्न आय वर्ग के कोरोना यौद्धाओं को जब पिज़ा बाँटने जाता है, तो अक्सर उसका ह्रदय द्रवित हो जाता है।
जपनीत सिंह का कहना है शुरू में उसने अपने जमा किए दो हज़ार डालर पिज़ा में लगा दिए फिर उसे पिज़ा ‘पापा जोंस ‘ के मालिकों ने इस नेक कार्य के लिए सस्ते में पिज़ा देना शुरू कर दिए। कहते हैं” वह जब निम्न आय वर्ग के अस्पताल कर्मचारी को पिज़ा का एक टुकड़ा खाते हुए मुस्कराते देखता हूँ, तो अपनी सारी परेशानियाँ भूल जाता हूँ।