अमेरिकी इलेक्टोरल कॉलेज ने बाइडेन, हैरिस की जीत पर लगाई मुहर

न्यूयॉर्क| संयुक्त राज्य अमेरिका के 46 वें राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने के बाद जोसेफ रॉबनेट बाइडेन ने कहा कि “अमेरिका की आत्मा के लिए हुई इस लड़ाई से लोकतंत्र प्रबल हुआ है।” इन चुनावों में बाइडेन के साथ उप-राष्ट्रपति के तौर पर चुने जाने वाली पहली महिला और भारतीय अमेरिकी कमला हैरिस ने इतिहास रच दिया है।

3 नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव के बाद सोमवार को इलेक्टोरल कॉलेज ने औपचारिक रूप से मतदान किया, हालांकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव की वैधता पर अब भी सवाल उठा रहे हैं। पूरे देश में राज्यों की विधानमंडल बिल्डिंग में अलग-अलग समय पर मतदान शुरू हुए। वॉशिंगटन में सुबह 10 बजे अधिकारियों ने अपने मतपत्र डाले, वहीं कैलिफोर्निया में शाम 5 बजे। इसके तुरंत बाद बाइडेन और हैरिस जीत के लिए 270 का आंकड़ा पार कर गए। हालांकि इसके बाद भी मतदान जारी रहा, जो शाम को 7 बजे हवाई में मतपत्र डाले जाने के बाद खत्म हुआ।

अमेरिका की राजनीतिक प्रणाली में राष्ट्रपति को चुनने के लिए नागरिकों द्वारा मतदान के साथ-साथ अप्रत्यक्ष रूप से राज्यों में वितरित इलेक्टोरल कॉलेज के 538 सदस्यों का मतदान भी होता है। इन चुनावों में बाइडेन और हैरिस को 306 इलेक्टोरल वोट मिले जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को केवल 232 वोट मिले।

शुक्रवार को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिपब्लिकन द्वारा कुछ राज्यों में चुनावों के खिलाफ की गई अपीलों को खारिज करने के बाद इलेक्टोरल कॉलेज के मतदान का रास्ता साफ हो गया था। हालांकि अब भी ट्रंप और उनके समर्थक पीछे नहीं हटे हैं। उन्होंने ऐसे और मुकदमे दायर करने की धमकी दी है। ट्रंप लगातार बिना सबूत के चुनावों में व्यापक धोखाधड़ी किए जाने का आरोप लगा रहे हैं।

मतदान पूरा होने के बाद बाइडेन ने कहा, “हम लोगों ने मतदान किया। हमारे संस्थानों में विश्वास जताया। हमारे चुनावों की अखंडता बरकरार है। इसलिए अब चीजों को बदलने के लिए सब कुछ ठीक करने के लिए एकजुट होने का समय है।”

मतदान के बाद अब निर्वाचित मतों की औपचारिक रूप से गिनती करने और चुनाव को प्रमाणित करने के लिए 6 जनवरी को नव निर्वाचित कांग्रेस की एक बैठक होगी।

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