अयोध्या मामलाः कोर्ट के फैसले के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज..

नई दिल्ली। कई सालों से कोर्ट के दरवाजे पर पड़ा रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का केस लम्बा खिंचता दिखाई दे रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या विवाद की सुनवाई जनवरी तक टालने के निर्णय के बाद सियासी बयानबाजी का दौर शुरु हो चुकी है। हिंदूवादी संगठन जहां राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार से कानून बनाने की मांग कर रहे हैं वहीं, राजनीतिक दलों के नेता भी बयान देने में पीछे नहीं है। सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि कब अयोध्या केस की सुनवाई होगी। बीजेपी और कांग्रेस इस पर फैसला नहीं कर सकती है। अगर वे कानून बनाना चाहते हैं तो बनाएं। कांग्रेस ने उन्हें नहीं रोका है। यह मुद्दा इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि चुनाव नजदीक है। क्या वे चार साल तक सो रहे थे। अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के मामले में सोमवार से सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई एकबार फिर जनवरी 2019 तक के लिए टल गई है। उधर, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले इस मसले पर प्रतिक्रया करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा था कि अब हिन्दुओं का सब्र टूट रहा है। हिंदुओं का सब्र टूटा तो बहुत बड़ी गड़बड़ पैदा हो जाएगी?

अन्य विकल्प भी मौजूद: योगी आदित्यनाथ

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित जमीन के मामले की सुनवाई को जनवरी तक टलने के बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। एक ओर जहां राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की मांग उठ रही है, वहीं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसी किसी भी संभावना से साफ इनकार किया है। उन्होंने साफ किया है कि न्यायिक प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा और अध्यादेश लाने का कोई सवाल ही नहीं है। हालांकि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से जल्द इस मामले को सुलझाने की अपील की। सीएम योगी ने आज यहां कहा, हम संवैधानिक बाध्यताओं से बंधे हैं। सुप्रीम कोर्ट यथाशीघ्र इस मामले का समाधान करे। न्याय मिलने में देरी होती है, तो लोगों में इससे निराशा होती है। उन्होंने कहा, मामला शीर्ष अदालत में है, लेकिन देश की शांति और सौहार्द के लिए और व्यापक आस्था का सम्मान करने के लिए जो भी विकल्प हैं उन पर विचार करना चाहिए।’ मंदिर निर्माण में देरी पर संतों की नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘संतों का हम सम्मान करते हैं। यह संक्रमण काल का एक ऐसा दौर है, जब संतों को धैर्य रखने की जरूरत है जिससे देश में शांति और सौहार्द बना रहे।

विश्व हिंदू परिषद ने उठाई कानून बनाने की मांग

बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हिंदूवादी संगठन विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने अयोध्या में राम मंदिर को बनाने के लिए कानून लाए जाने की मांग को फिर से दोहराया। संगठन ने जोर देकर कहा कि आगामी शीत सत्र के दौरान सरकार को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश लाने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, ‘हमारी योजना सभी पार्टियों के सांसदों के पास जाकर यह समझाना है कि उन्हें चुनने वाले मतदाता अयोध्या में राम मंदिर देखना चाहते हैं। आज के राजनीतिक माहौल को देखते हुए शायद ही कोई ऐसी पार्टी होगी जो इससे सहमत नहीं होगी। साथ ही हम यह सरकार के विवेक पर छोड़ते हैं कि वह राम मंदिर निर्माण के लिए कैसे शीत सत्र के दौरान कानून लाती है।’

आंतकियों के लिए रात भर खुली, मंदिर के लिए तारिख दे दी: अनिल विज

अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद से जुड़े विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जनवरी तक टलने को लेकर बीजेपी के कई नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी नेता अनिल विज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट आतंकियों के बचाव वाली याचिका पर रात में भी सुनवाई करने के लिए तैयार हो जाता है लेकिन राम मंदिर पर सुनवाई की तारीख बढ़ा दी जाती है। सुप्रीम कोर्ट महान है, बीजेपी नेता ने ट्वीट कर कहा, ”सुप्रीम कोर्ट महान है चाहे तो 29 जुलाई 2014 को 1993 मुंबई बम धमाकों के दोषी याक़ूब मेनन की फांसी की सज़ा टालने के लिए कोर्ट का दरवाजा रात को खोल दे और चाहे तो राम मंदिर जिसके लिए करोड़ों भारतवासी टकटकी लगाए इन्तजार कर रहे हों उसको तारीख दे दे, सुप्रीम कोर्ट महान है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला कुछ भी हो, अयोध्या में राम मंदिर ही बनेगा : साध्वी प्राची

विश्व हिंदू परिषद की नेता साध्वी प्राची ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर विवादित बयान दिया है। प्राची ने कहा है कि जिस तरह से मस्जिद का ढांचा गिराया गया, उसी तरह से मंदिर भी बनेगा। उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट का चाहे जो फैसला हो, अयोध्या में राम मंदिर का ही निर्माण होगा। साध्वी ने कहा कि राम मंदिर को लेकर जल्दी फैसला आए इसलिए हम लोगों ने इस केस की सुनवाई के लिए अलग बेंच की मांग की थी। यह मामला लंबे समय से कोर्ट में लंबित है, हम लोगों को सिर्फ तारीख पर तारीख मिल रही है। अब सभी हिंदुओं को अंतिम फैसले का इंतजार है। उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी ही सके इस केस पर अब फैसला आना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब राम भक्तों के सब्र की परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए। अब सब्र टूट रहा है।

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