अयोध्या। उत्तर प्रदेश में अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) ने गुरुवार को राम मंदिर का नक्शा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंप दिया। एडीए के उपाध्यक्ष डॉ. नीरज शुक्ल ने राम मंदिर का स्वीकृत नक्शा, ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय, ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र और विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को सौप दिया।
राममंदिर का नक्शा बुधवार को ही विकास प्राधिकरण की बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से पास किया गया था। ट्रस्ट ने बुधवार को ही विकास व अन्य शुल्क की 2 करोड़ 11लाख रुपए टैक्स व लेबर सेस टैक्स की 15 लाख की राशि जमा कर दिया था।
एडीए के वीसी नीरज शुक्ला के मुताबिक टैंक्स जमा करने के अगले दिन ही ट्रस्ट के पदाधिकारियों को स्वीकृत नक्शा सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के प्रॉजेक्ट पर सारी विश्व की नजरें लगी हैं ऐसे में प्राधिकरण ने बिना विलम्ब किए सारी औपचारिकताएं पूरी कराने के बाद नक्शे को पास कर दिया। गुरुवार को अयोध्या विकास प्राधिकरण कार्यालय में ट्रस्ट के सदस्यों को स्वीकृत नक्शा की कॉपी सौंपी गई।
नक्शा पास होने के बाद अब जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य
ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र के मुताबिक मंदिर निर्माण का काम जल्द शुरू होगा। बताया गया है कि कार्यदायी संस्था एल एंड टी की बड़ी मशीनें अयोध्या आ रहीं हैं। उनके पहुंचने के बाद मंदिर की नींव का काम शुरू होगा, जिसमें 1200 पिलर खड़े किए जाएंगे। ये पिलर नदियों के पुल के पिलर के पैटर्न पर बनेगें, लेकिन इसमें लोहे का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
एक महीने पहले प्रधानमंत्री ने भूमिपूजन किया था
5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन किया था। एक दिन पहले राम मंदिर के मॉडल की तस्वीरें सामने आई थीं। 161 फीट ऊंचे राम मंदिर में पांच मंडप और एक मुख्य शिखर है। दावा है कि अयोध्या के हर कोने से यह मंदिर दिखेगा। साल 1989 में राम मंदिर का मॉडल बनाया गया था। इसमें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बदलाव किया है। यह मंदिर साढ़े तीन साल में बनकर तैयार होगा।
3 एकड़ में मंदिर, 65 एकड़ में परिसर होगा
राम मंदिर का नक्शा तैयार करने वाले चीफ आर्किटेक्ट सोमपुरा के बेटे निखिल सोमपुरा के मुताबिक मंदिर के पास 70 एकड़ जमीन है। लेकिन, मंदिर 3 एकड़ में ही बनेगा। बाकी 65 एकड़ की जमीन पर मंदिर परिसर का विस्तार किया जाएगा। मंदिर में एक दिन में एक लाख राम भक्त पहुंच सकेंगे। मंदिर के मॉडल में बदलाव किया गया है।