अयोध्‍या में होना है उपचुनाव लेकिन BJP के लिए रास्ता आसान नहीं

लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए और इंडिया के बीच लगातार घमासान देखने को मिल रहा है। मोदी सरकार इससे पहले 10 साल वही लेकिन वह इस बार भले ही तीसरी बार सत्ता में लौटी हो लेकिन वह पहले के मुकाबले बेहद कमजोर है। उसे नीतीश कुमार और नायडू की पार्टी के सहारे सरकार चलाने पर मजबूर होना पड़ा है।

दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में बीजेपी अब पहले जैसी नहीं रही। हालात तो ऐसे बन गए है कि उपचुनाव को लेकर भी बीजेपी काफी डरी हुई है। यूपी 10 विधानसभा सीटों पर जल्द उपचुनाव कराया जा सकता है।

इसको लेकर सपा और बीजेपी दोनों ने कमर कस ली है लेकिन लोकसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज करने वाली सपा के हौसले पहले से काफी ज्यादा बुलंद लग रहे हैं और 10 विधानसभा सीटों पर भी जीत का दावा कर रही है।

अखिलेश यादव अपने सहयोगी कांग्रेस के साथ मिलकर बीजेपी को फिर से चित करने की प्लानिंग में जुट गए है जबकि बीजेपी का यूपी में अब बुरा हाल हो गया क्योंकि पार्टी के अंदर लगातार बगावत देखने को मिल रही है।

योगी के खिलाफ स्थानीय नेता खड़े नजर आ रहे हैं और लगातार उनके खिलाफ बगावती सुर अपना रहे हैं। अयोध्या की मिल्कीपुर सीट को लेकर अब घमासान मच गया है।

इस सीट से सपा विधायक रहे अवधेश प्रसाद ने लोकसभा चुनावों में बीजेपी के लल्लू सिंह को पराजित कर दिया था। इसके बाद बीजेपी किसी भी तरह से मिल्कीपुर सीट को जीतना चाहती है।

अब सीएम योगी का पूरा फोकस इस सीट पर है और लगातार अयोध्या का दौरा कर रहे हैं और काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं। दूसरी तरफ पार्टी की अंदरूनी लड़ाई योगी की मुश्किलें जरूर बढ़ा रही है और अपने पूर्व सांसद लल्लू सिंह की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है।

अयोध्या सर्किट हाउस में सदस्यता अभियान के संबंध में भाजपा के प्रदेश महासचिव संजय राय द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा नेता और फैजाबाद के पूर्व सांसद लल्लू सिंह भी मौजूद थे लेकिन अचानक गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच में ही उठे और कार्यक्रम को छोड़कर चले गए। उन्‍होंने आरोप लगाया कि ‘‘मंच पर माफिया तत्व मौजूद हैं. मैं माफिया के साथ नहीं बैठ सकता। ’’

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