कोरोना वायरस काल में दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब दिल्ली से बाहरवाले लोगों को दिल्ली में इलाज करवाने में दिक्कतों का सामना करना होगा। फैसले के मुताबिक, दिल्ली में मौजूद दिल्ली सरकार के सरकारी हॉस्पिटल और प्राइवेट हॉस्पिटलों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज (arvind kejriwal on corona Treatment) होगा। वहीं केंद्र सरकार के हॉस्पिटल सभी के लिए खुले होंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। केजरीवाल ने बताया कि 8 जून से सभी रेस्तरां, मॉल्स और धार्मिक स्थल खुलने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कैबिनेट के फैसले के मुताबिक, दिल्ली सरकार के सरकारी हॉस्पिटल और प्राइवेट हॉस्पिटलों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज होगा। वहीं, केंद्र सरकार के हॉस्पिटल सभी के लिए खुले रहेंगे।
उन्होंने बताया कि पांच लोगों की कमेटी ने विचार विमर्श करके सरकार को अपनी रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, जून के आखिर तक दिल्ली को 15000 बेड की जरूरत होगी। इनका कहना है कि दिल्ली के अस्पतालों को बाकी लोगों के लिए नहीं खोलने चाहिए। अगर ऐसा किया तो दिल्ली के रिजर्व बेड तीन दिन में भर जाएंगे। आज कैबिनेट ने फैसला किया कि हमें संतुलन बनाने की जरूरत है।
दिल्ली के अस्पतालों में जो 10 हजार बेड हैं, उनमें सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज होगा। केंद्र सरकार के अस्पतालों के 10 हजार बेड सभी लोगों के लिए खुले रहेंगे। कुछ निजी अस्पताल जो विशेष तरह की सर्जरी करते हैं, जिनकी सुविधा देश के बाकी हिस्सों में नहीं है, मरीज यहां आकर इलाज करा सकते हैं।
60 से 70 प्रतिशत बाहर के लोग दिल्ली के हॉस्पिटलों में भर्ती रहे। लेकिन इस वक्त दिल्ली में समस्या है, कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे। ऐसी स्थिति में पूरे देश के लिए हॉस्पिटल खोल दिए तो दिल्ली के लोग कहां जाएंगे। केजरीवाल ने बताया कि पांच डॉक्टर्स की कमिटी बनाई गई थी जिन्होंने माना कि फिलहाल बाहर के मरीजों को रोकना होगा।
दिल्ली में कल से क्या खुलेगा
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि 8 जून दिल्ली सील बॉर्डर को खोल रही है। इससे गाजियाबाद, नोएडा, गुड़गांव और फरीदाबाद के लोग आसानी से दिल्ली आ सकेंगे। इसके साथ दिल्ली में रेस्तरां, मॉल और धार्मिक स्थान खोले जाएंगे। फिलहाल होटल और बैंकट हॉल नहीं खुलेंगे।